बांग्लादेश हिंसा में हुई 42 पुलिसकर्मियों की मौत, 500 से ज्यादा घायल, 400 से ज्यादा लोगों की गई जान
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हलचल मची हुई है, पिछले महीने से देश में आरक्षण के विरोध में छात्र आंदोलन कर रहे थे, जो समय के साथ हिंसक हो गया था. इस आंदोलन में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. हालांकि, आंदोलन को काबू करने के लिए 15 साल से देश की प्रधानमंत्री की गद्दी पर काबिज शेख हसीना ने कर्फ्यू लगाया लेकिन 5 अगस्त को देश के लोग कर्फ्यू तोड़ कर सड़कों पर आ गए और हिंसा इतनी बढ़ गई की देश की व्यवस्था चरमरा गई.
हालात इस हद तक बेकाबू हो गए थे कि देश की पीएम शेख हसीना को देश छोड़ कर जाना पड़ा, जिसके बाद अब देश में फिर से हालात पर काबू करते हुए अंतरिम सरकार का गठन कर लिया गया है, जिसकी कमान मोहम्मद यूनुस ने संभाली है. हालांकि, 5 अगस्त को न सिर्फ देश में तख्तापलट हुआ बल्कि ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया.
42 पुलिस कर्मियों की मौत
देश में 5 अगस्त को गुस्साई भीड़ ने कई पुलिस स्टेशन में आग लगा दी, जिसके बाद अब सामने आया कि बांग्लादेश में भड़की हिंसा में 42 से ज्यादा पुलिस कर्मियों की मौत हुई. हाल ही में पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) की पोस्ट पर नियुक्त किए गए मोहम्मद मैनुल इस्लाम ने कहा कि, देश में छिड़े छात्र आंदोलन के दौरान पुलिस बल के कम से कम 42 अधिकारी मारे गए और कई घायल हुए. मृतकों में तीन इंस्पेक्टर रैंक के और दो रब सदस्य शामिल हैं.
दर्जनों अधिकारी घायल
आईजीपी मोहम्मद मैनुल इस्लाम ने बताया कि उस दिन 500 पुलिस कर्मियों को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जिसमें से 27 अभी भी अस्पताल में भर्ती है और उनका इलाज किया जा रहा है. आईजीपी ने कहा हम घायल अधिकारियों की पूरी तरह से सहायता कर रहे हैं.
हिंदूओं पर अत्याचार
बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन के दौरान एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने सब को हैरान कर दिया. दरअसल, बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन के दौरान अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर अत्याचार किया गया, हिंदूओं के घरों में लूटपाट की गई और उनके घरों में आग लगा दी गई. साथ ही उनके कारोबार पर भी अटैक किया गया और गोदाम में आग लगा दी गई. न सिर्फ हिंदू लोगों के घर बल्कि मंदिर में भी तोड़-फोड़ की कोशिश की गई.