बाइडेन के जाते ही बदल गए मुद्दे, अब इन 5 बड़े वादों पर लड़ा जा अमेरिका में चुनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को अब महज 3 महीने से भी कम का समय बाकी है, जो बाइडेन के इस रेस से हटते ही चुनावी मुद्दों में भी बड़ा बदलाव आया है. डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन उम्मीदवार अपनी रैलियों में अब उन मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं जिससे उन्हें लगता है कि ये चुनावी बाज़ी जीती जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो देश बर्बाद हो जाएगा, तो वहीं हैरिस इस लड़ाई को संविधान बचाने की लड़ाई बता चुकी हैं. ऐसे में उन मुद्दों की चर्चा करना जरूरी हो जाता है जो अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत-हार तय करने का माद्दा रखते हैं.
पहला मुद्दा: अबॉर्शन विरोधी कानून
अमेरिका में अबॉर्शन के खिलाफ कानून एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है, जून 2022 में अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने गर्भपात को मंजूरी देने वाले कानून पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने राज्यों को अबॉर्शन के खिलाफ कानून में बदलाव की ताकत दे दी. इसके बाद से वहां अबॉर्शन का मुद्दा काफी बड़ा बन चुका है.
अमेरिका में एंटी अबॉर्शन लॉ के खिलाफ प्रदर्शन की तस्वीर. (File-Photo/AP)
अमेरिका की ज्यादातर आबादी एंटी अबॉर्शन कानून के खिलाफ है खासतौर पर महिलाएं इस कानून की वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहीं हैं. राष्ट्रपति पद के प्रत्याशियों की बात की जाए तो जहां कमला हैरिस और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी इस कानून को हटाने और पुराने कानून को बहाल करने के पक्ष में है तो वहीं रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप एंटी अबॉर्शन लॉ का समर्थन करते रहे हैं.
दूसरा मुद्दा: टैक्स
अमेरिका में टैक्स सिस्टम को लेकर चर्चा काफी पुरानी है. ऐसा दावा किया जाता है कि अमेरिका में हर व्यक्ति अपने हिस्से का टैक्स चुकाता है लेकिन कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो यह पूरी तरह से गलत है. दरअसल अमेरिका का टैक्स सिस्टम ऐसा है कि इससे अरबपतियों को टैक्स बचाने में मदद मिलती है. US में शेयर और प्रॉपर्टी बेचने पर ही सरकार टैक्स वसूलती है लिहाज़ा अरबपतियों की संपत्ति में लगातार इज़ाफा होता रहता है और उन्हें टैक्स नाममात्र चुकाना पड़ता है.
जून में हुई प्रेसीडेंशियल डिबेट के दौरान भी ट्रंप और बाइडेन के बीच टैक्स को लेकर काफी तीखी बहस हुई थी, बाइडेन ने आरोप लगाया था कि ट्रंप ने अपने कार्यकाल में अमीरों को फायदा पहुंचाया तो वहीं ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने आम जनता के लिए सबसे ज्यादा टैक्स कटौती की थी.
वहीं अब इस मुकाबले में बाइडेन की जगह कमला हैरिस ने ले ली है और उन्होंने हाल ही में टिप पर लगने वाले टैक्स को खत्म करने का वादा किया था. उनके इस ऐलान से ऐसा माना जा सकता है कि वह आम जनता को राहत देने के लिए टैक्स सिस्टम में बदलाव कर सकती हैं. हालांकि ट्रंप ने हैरिस के इस ऐलान को अपने चुनावी वादे की नकल बताया था. साथ ही ट्रंप ने अमेरिका में कॉर्पोरेट टैक्स 21% से घटाकर 20% करने का वादा भी किया है. ट्रंप पर आरोप लगते रहे हैं कि उनकी नीति अरबपतियों को फायदा पहुंचाने की रही है.
तीसरा मुद्दा: अप्रवासियों का मुद्दा
अप्रवासियों का मुद्दा शुरुआत से ही ट्रंप के चुनावी अभियान का अहम हिस्सा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप लगातार इस मुद्दे को लेकर कमला हैरिस और डेमोक्रेटिक पार्टी पर हमलावर हैं. वहीं कमला हैरिस अब इस मुद्दे को लेकर ट्रंप को ही घेरने की रणनीति बना रहीं हैं.
दरअसल बाइडेन-हैरिस प्रशासन अप्रवासियों को लेकर सकारात्मक रवैया अपनाता रहा है, तो वहीं ट्रंप इसका कड़ा विरोध करते रहे हैं. एक रिसर्च के मुताबिक अमेरिका की GDP में 17 फीसदी हिस्सेदारी अप्रवासियों की है, जो कि करीब 3.3 ट्रिलियन डॉलर के बराबर आंका जाता है. बाइडेन कई मौकों पर अप्रवासियों के इस योगदान का जिक्र कर चुके हैं.
US-मेक्सिको बॉर्डर जिसे ‘ट्रंप वॉल’ के नाम से जाना जाता है.
बावजूद इसके ट्रंप अप्रवासियों के खिलाफ आक्रामक रहे हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्रवासियों पर नकेल कसने के लिए कड़े फैसले लिए जिसके चलते उनकी कई बार आलोचना भी हुई. यूएस-मेक्सिको बॉर्डर पर बनी ‘ट्रंप वॉल’ 2016 के चुनाव में उनकी सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक थी. वहीं कमला हैरिस ने सीनेटर के तौर पर ट्रंप की ‘बॉर्डर वॉल’ के खिलाफ वोट किया था.
चौथा मुद्दा: इजराइल हमास युद्ध
7 अक्टूबर के हमास के हमले के बाद से गाजा में जारी संघर्ष को लेकर अमेरिका की दोनों प्रमुख पार्टियां करीब-करीब एक जैसा रुख अपनाती नजर आती हैं. अमेरिका में किसी भी पार्टी की सरकार रही हो लेकिन इजराइल के समर्थन में कमी कभी नहीं आई.
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि अगर वो अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो इजराइल पर हमला होता ही नहीं. उन्होंने कई बार युद्ध खत्म करने पर जोर दिया है लेकिन कभी भी खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन नहीं किया. वहीं कमला हैरिस गाजा में मासूम फिलिस्तीनियों की मौत का मुद्दा उठाती रहीं हैं. उन्होंने इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से भी सख्त लहज़े में युद्ध खत्म करने की बात कही थी, लेकिन वह हर बार इजराइल की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता भी जताती रहीं हैं.
हाल के दिनों में अमेरिका के लोगों में फिलिस्तीन के लिए समर्थन बढ़ा है. लोग इजराइल को दी जाने वाली आर्थिक सहायता का भी विरोध जता रहे हैं. ऐसे में यह मुद्दा अमेरिकी चुनाव में कितना बड़ा असर डालेगा यह देखने वाली बात होगी.
पांचवां मुद्दा: हेल्थकेयर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा की हेल्थकेयर स्कीम ‘ओबामाकेयर’ को अमेरिका में काफी सफलता मिली थी. आम लोगों को बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के मकसद से यह स्कीम शुरू की गई थी, जिसे अमेरिका में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला. इसे अमेरिका में अफोर्डेबल केयर एक्ट (ACA) के नाम से जाना जाता है.
अफोर्डेबल हेल्थ स्कीम अमेरिकी चुनाव में बड़ा मुद्दा है.
कमला हैरिस ‘ओबामाकेयर’ की समर्थक हैं और वह बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और सुविधाजनक बनाने की योजना पर बात करती रहीं हैं. उन्होंने अपने एक कैंपेन वीडियो में भी कहा था कि वह ऐसे भविष्य के लिए लड़ाई लड़ना जारी रखेंगी जहां सरकार सभी स्वास्थ्य सेवा का खर्च उठा सके.
वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए ‘ओबामाकेयर’ को खत्म करने की पूरी कोशिश की. हालांकि हाल के दिनों में उनके रुख में बदलाव देखने को मिला है, अब ट्रंप का कहना है कि वो ACA में सुधार करना चाहते हैं न कि इसे पूरी तरह खत्म करना चाहते हैं.

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