बाबर आजम चैंपियंस ट्रॉफी में कर सकते हैं पाकिस्तान की कप्तानी, 2 दिग्गजों की वजह से बची कुर्सी
बाबर आजम की कप्तानी में पाकिस्तानी टीम की हालत खस्ता ही हुई है. हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप 2024 में टीम पहले ही दौर में बाहर हो गई. अमेरिका ने भी पाकिस्तान को हरा दिया लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि चैंपियंस ट्रॉफी में बाबर आजम को ही कप्तान बनाया जा सकता है. पीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक हेड कोच गैरी कर्स्टन चाहते हैं कि कप्तानी में ज्यादा बदलाव ना हो. फिलहाल बाबर आजम टी20 टीम के कप्तान हैं और अभी पाकिस्तान ने वनडे कप्तान का ऐलान नहीं किया है लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक ये खिलाड़ी ही टीम की कमान संभालेगा. यही नहीं बाबर आजम ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज में भी टीम की कमान संभाल सकते हैं.
शान मसूद भी बने रहेंगे कप्तान
पाकिस्तान क्रिकेट टीम की हालत इन दिनों खस्ता है. पहले ये टीम टी20 वर्ल्ड कप के पहले दौर से बाहर हुई और इसके बाद बांग्लादेश ने उसे उसकी सरजमीं पर 2-0 से टेस्ट सीरीज में हरा दिया. इस प्रदर्शन के बाद ऐसी खबरें आई थी कि बाबर आजम को टी20 टीम की कप्तानी और शान मसूद को टेस्ट टीम की कप्तानी से हटाया जा सकता है लेकिन अब ऐसी खबरें आई हैं कि ये बाबर और शान मसूद दोनों कप्तान बने रहेंगे. इसकी वजह वनडे-टी20 कोच गैरी कर्स्टन और टेस्ट टीम के कोच जेसन गिलेस्पी हैं. इन दोनों दिग्गजों ने पीसीबी को बार-बार कप्तान नहीं बदलने की सलाह दी है.
पाकिस्तान के कप्तान नहीं बदलेंगे?
पीसीबी के एक सूत्र ने जानकारी दी है कि शान मसूद और बाबर की बर्खास्तगी के बारे में हालिया मीडिया अटकलें कयास से ज्यादा कुछ नहीं हैं. पीसीबी के अधिकारी के मुताबिक कप्तानों को बदलने पर कोई चर्चा नहीं हुई है क्योंकि पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने ये फैसला दोनों कोच और चयनकर्ताओं पर छोड़ दिया है. कर्स्टन और गिलेस्पी का नजरिया बेहद साप है. वो लीडरशिप के आकलन करने के लिए कप्तान को पूरा समय देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों कोच कप्तानी में निरंतरता चाहते हैं और उन्होंने ये बात पीसीबी को बता दी है. मतलब साफ है कि बाबर और शान मसूद की कप्तानी फिलहाल खतरे में नहीं हैं और मोहम्मद रिजवान तीनों फॉर्मेट के कप्तान नहीं बनने जा रहे हैं.
लाहौर में होगी बड़ी वर्कशॉप
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से खबर मिली है कि इसी महीने के आखिरी में लाहौर में एक वर्कशॉप होने वाली है जिसमें कप्तानी या टीम चयन पर चर्चा नहीं होगी. इसमें सभी खिलाड़ियों और घरेलू टीमों के कोच और सेलेक्टर्स की बात सुनी जाएगी. इस वर्कशॉप का मकसद पाकिस्तान क्रिकेट में ऐसे सकरात्मक बदलाव लाना है जो उसे लंबे समय तक फायदा पहुंचाएं.