बाबा तो पार्ट टाइम जेल में रहते हैं…राम-रहीम ने 4 साल में 255 दिन बाहर बिताए
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर छुट्टी पर जेल से बाहर आ गया है. सुनियारा जेल से मंगलवार सुबह साढ़े 6 बजे फरलो पर रिहा होने के बाद राम रहीम यूपी के बागपत में स्थित अपने आश्रम में हैं. राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है. पिछले चार साल से सजा काट रहा राम रहीम 10वीं बार जेल से बाहर आया है.
गुरमीत राम रहीम आश्रम की महिला अनुयायियों से रेप के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है. वह 2019 से जेल में है, लेकिन अब तक दस बार जेल से बाहर आ चुका है. पिछले चार साल में तो राम रहीम ने तकरीबन 255 दिन जेल से बाहर बिताए हैं. इस साल जनवरी में तो हरियाणा सरकार ने राम रहीम को 50 दिन की पैरोल दी थी, जिस पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगाई थी.
किसी काम से ली पैरोल, किया कुछ और
राम रहीम जेल में जाने के बाद से लगातार ही पैरोल और फरलो पर बाहर आ रहा है. पहली बार 24 अक्टूबर 2020 को राम रहीन ने अपनी मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल ली थी. इसके बाद 21 मई 2021 को फिर मां से मुलाकात के लिए ही पैरोल दी गई थी. 7 फरवरी 2022 को राम रहीम 21 दिन की फरलो पर रिहा हुआ था, जेल से मिली यह छुट्टी उसने परिवार से मुलाकात के नाम पर ली थी. इसके बाद जून 2022 में फिर 30 दिन की पैरोल मिली. 14 अक्टूबर 2022 को राम रहीम को 40 दिन पैरोल फिर दी गई, इस बार आश्रम से म्यूजिक वीडियो भी जारी किए गए.
21 जनवरी 2023 को सतमान सिंह की जयंती में शामिल होने के बाद राम रहीम को फिर 40 दिन की पैरोल दी गई. 20 जुलाई 2023 को वह फिर 30 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया. 21 नवंबर 2023 को राम रहीम को फिर 21 दिन की फरलो दी गई. इसके बाद इसी साल वह 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल पर बाहर आया था.
इन मामलों में सजा काट रहा राम रहीम
राम रहीम अपनी आश्रम की ही दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले का दोषी पाया गया था. पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने 2017 में उसे 20 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद 2019 में उसे एक पत्रकार की हत्या के मामले में 16 साल की सजा सुनाई गई थी. 2021 में राम रहीम को डेरा प्रबंधक रजीत सिंह की हत्या का भी दोषी ठहराते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.
बार-बार छुट्टी क्यों?
गुरमीत राम रहीम को इस बार फरलो पर रिहा किया गया है, फरलो का अर्थ छुट्टी से होता है. इसे छुट्टी इसलिए कहते हैं, क्योंकि सजायाफ्ता जितने दिन फरलो पर रहेगा, उतने दिन उसकी सजा में गिने जाएंगे, जबकि पैरोल जरूरी काम के लिए दी जाती है, कैदी जब पैरोल लेता है तो बाहर बिताए गए दिन सजा में नहीं गिने जाते. राम रहीम पैरोल और फरलो दोनों ही लगातार ले रहा है. इस बार फरलो के दौरान उसे बागपत जिले के बरनाला आश्रम में रुकना होगा.
कोर्ट लगा चुकी है फटकार
न्याय के लिए देश में कोर्ट बनाए गए हैं और सजा के लिए जेल. इन जेलों में कैदियों की सहूलियत के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. पैरोल और फरलो ऐसे ही नियम हैं, जो जरूरतमंदों के लिए हैं, लेकिन कुछ सजायाफ्ता इन्हीं नियमों का फायदा उठाकर बार-बार जेल से बाहर आते हैं. गुरमीत राम रहीम के मामले में तो खुद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट भी हरियाणा सरकार को इसके लिए फटकार लगा चुकी है. इतना ही कोर्ट ने यहां तक कह दिया था कि अदालत से बिना पूछे राम रहीम को अब पैरोल न दी जाए.
कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा कि वो बताए कि अब तक कितने लोगों को ऐसे पैरोल दी गई है. डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को लगातार मिल रही पैरोल और फरलो को लेकर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानी एसजीपीसी भी सवाल उठा चुकी है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले चार सालों में गुरमीत राम रहीम 255 दिन से ज्यादा जेल से बाहर रहा है. इस आंकड़े में राम रहीम को इस बार मिली 21 दिन की फरलो भी शामिल है.
इस बार लेनी पड़ी कोर्ट की अनुमति
गुरमीत राम रहीम को इस बार फरलो के लिए कोर्ट की अनुमति लेनी पड़ी है. दरअसल कोर्ट की ओर से रोक लगाए जाने के बाद राम रहीम ने जून 2024 में फरलो की मांग की थी. फरवरी में ही कोर्ट ये साफ कर चुका था कि इस बार कोर्ट से अनुमति के बिना पैराल नहीं दी जाए. जून में राम रहीम द्वारा फरलो मांगे जाने के बाद 12 अगस्त को कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी.