बारिश में सोलर पैनल काम करते हैं? बिना सूरज की रौशनी के कैसे आती है बिजली
जब भी सोलर पैनल का ऐड या किसी से सुनते हैं तो एक बार तो उन्हें लगवाने का सोचते ही हैं. लेकिन अगर आप भी यही सोच रहे हैं कि क्या सोलर पैनल बारिश में काम करतै हैं या बिना सूरज की रोशनी के बिजली कैसे देते हैं? तो ये जानकारी आपके काम की हो सकती है. यहां हम आपको बताएंगे कि सोलर पैनल बिना सूरज की रौशनी के कैसे काम करते हैं और बिजली कैसे देते हैं.
जैसा कि पहला सवाल था कि सोलर पैनल बारिश में काम करते हैं या नहीं तो इसका जवाब है कि हां बारिश में भी सोलर पैनल काम करते हैं, लेकिन उनकी कार्यक्षमता कम हो जाती है. इसके बारे में अच्छे से समझने के लिए नीचे इसकी पूरी डिटेल्स पढ़ें.
बारिश से सोलर पैनल पर असर
बारिश के दौरान, बादल सूरज की रोशनी को कम करते हैं, जिससे सोलर पैनल कम एनर्जी जेनरेट करते हैं. लेकिन जब बारिश का पानी सोलर पैनल की सतह पर जमा होता है, तो उससे सूरज की रोशनी को पैनल तक पहुंचने में मुश्किल होती है. बारिश के वजह से टेंपरेचर में गिरावट आ सकती है, जिससे सोलर पैनल की एफिशिएंसी कम हो जाती है. लेकिन इस सब के बावजूद सोलर पैनल बारिश में बिजली देते हैं. नीचें पढ़ें कि बिना सूरज की रौशनी के सोलर पैनल कैसे बिजली जेनरेट करते हैं.
बिना सूरज की रौशनी के सोलर पैनल बिजली कैसे देता है?
सोलर पैनल दिन में बिजली जेनरेट करते हैं और इसे बैटरी में स्टोर करते हैं. बारिश के दौरान, जब सूरज की रोशनी कम होती है, तो बैटरी में स्टोर बिजली का इस्तेमाल घरों और दूसरे डिवासेज को बिजली देता है.
सोलर पैनल से जेनरेटेड बिजली Gleichstrom (DC) में होती है. घरों में इस्तेमाल होने वाली डिवाइसों को Wechselstrom (AC) बिजली की जरूरत होती है. इनवर्टर DC बिजली को AC बिजली में परिवर्तित (Processed) करता है.
दो तरह के सोलर पैनल
मार्केट में दो तरह के सोलर पैनल आते हैं एक वो जिनमें बैटरी नहीं लगती है. ये सोलर पैनल थोड़े सस्ते पड़ते हैं, इन पर सरकार आपको सब्सिडी भी देती है. जिस दिन बिजली ज्यादा जेनरेट हो जाती है तो आप सरकार को भी दे सकते हैं. ऐसे में सरकार रात को या जरूरत के समय पर बिजली लौटा देती है.
दुसरे सोलर पैनल बैटरी के साथ आते हैं इनमें सूरज की रोशनी के दौरान बिजली स्टोर होती रहती है. इनमें सूरज की रोशनी आए या नहीं इस पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.