बार-बार चीन का जिक्र कर रहे थे ट्रंप, कमला ने एक ही दांव से बैकफुट पर धकेला
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस कई अहम मुद्दों को लेकर बुधवार को अपनी पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में भिड़े. जिसमें चीन को लेकर भी दोनों के बीच तीखी बहस हुई. ट्रंप ने पूरी बहस के दौरान कई बार चीन का नाम लिया और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की विदेश नीतियों को लेकर वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस को घेरा.
पेन्सिलवेनिया में हुई इस डिबेट में दोनों नेताओं ने टैरिफ और व्यापार युद्ध जैसे कई मुद्दों पर बहस की. हैरिस ने ट्रंप पर ‘आर्थिक युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया और कहा कि ट्रंप ने चीन को अपनी सेना को बेहतर और आधुनिक बनाने में मदद की. हैरिस ने दावा किया कि उन्होंने अमेरिकी चिप्स चीन को बेची हैं, जिससे उसकी सेना मजबूत हुई.
याद दिलाईं ट्रंप की पुरानी बातें
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सोशल मीडिया पर ट्रंप की उस पोस्ट की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी को धन्यवाद कहा था. इसके अलावा हैरिस ने अपने चिप के दावे को जोर देकर मंच पर रखा. ट्रंप ने भी बहस में बार-बार बाइडेन की चीन को लेकर पॉलिसी पर कमला को घेर रहे थे.
ट्रंप ने अपने ऊपर लगाए गए चिप बेचने के आरोपों पर कहा कि जब हमारे देश में चिप बनती ही नहीं, तो हम उन्हें बेच कैसे सकते हैं. उन्होंने कमला के आरोप को खारिज किया और कहा कि चीन ने चिप वियतनाम से खरीदी हैं.
चीन-रूस अमेरिका से डरते थे:ट्रंप
ट्रंप ने हंगरी के प्रधानमंत्री के एक बयान का हवाला देते हुए दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान चीन, रूस और उत्तर कोरिया अमेरिका से डरते थे. हंगरी के विक्टर ओरबान ने कहा था, “सबसे सम्मानित और सबसे ज़्यादा डर वाले शख्स डोनाल्ड ट्रंप थे.”
इसके अलावा डिबेट में कमला हैरिस और ट्रंप ने व्यापार, रूस-यूक्रेन युद्ध, गाजा मानवीय संकट पर भी एक दूसरे से बहस की. ट्रंप ने हमास-इजराइल युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति होता तो ये नौबत ही नहीं आती. जबकि हैरिस ने कहा कि इजराइल के आत्मरक्षा के सिद्धांत का सम्मान करती हैं, लेकिन सीजफायर होना चाहिए और वे इसके लिए पूरी कोशिश कर रही हैं.