बिना सूचना दिए ऑफिस में घुसना नियमों का उल्लंघन… मल्लिकार्जुन खरगे ने जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ा दावा किया है. कांग्रेस चीफ ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर शिकायत की है कि संसद स्थित उनके दफ्तर में बीते 28 सितंबर को CPWD, CISF और टाटा प्रोजेक्ट के लोग बिना पूर्व सूचना दिए दाखिल हुए थे.
खरगे ने इसे नेता विपक्ष के विशेषाधिकार का हनन, अपमानजनक और अस्वीकार्य बताते हुए पूछा है कि किसके निर्देश पर ये लोग उनके दफ्तर में घुसे थे? उन्होंने पत्र में कहा है कि यह एक असाधारण घटना है और एक सांसद और राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियमों और मेरे विशेषाधिकारों का घोर उल्लंघन है.
घटना को गरिमा को कमजोर करने वाली बताया
कांग्रेस नेता ने पत्र में आगे कहा है कि उन्हें विश्वास है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि विपक्ष के नेता की गरिमा को कमजोर करने वाली ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों. मेरे ऑफिस में किसी को जाने से पहले मेरी अनुमति ली जानी चाहिए थी.

फिलहाल इस संबंध में राज्यसभा सचिवालय या फिर सभापति की ओर से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है. कांग्रेस पार्टी इसे सुरक्षा में बड़ी चूक के साथ-साथ विभाग की लापरवाही भी मानकर चल रही है.
नौकरियों को लेकर सरकार घेरा
कांग्रेस चीफ ने शुक्रवार को दावा किया किया पश्चिम एशिया में युद्ध के बीच, मोदी सरकार का राष्ट्रीय कौशल विकास सहयोग इजराइल में लगभग 15 हजार भारतीय श्रमिकों की भर्ती की सुविधा प्रदान कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले कई भारतीय युवाओं को रूस-यूक्रेन युद्ध में जाने के लिए संदिग्ध एजेंटों की ओर से धोखा दिया गया था. कई लोगों की जान भी जा चुकी है.
‘शिक्षित युवा अपनी जान को जोखिम में डाल रहे’
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार की युवा विरोधी नीतियों की वजह से पैदा हुई बेरोजगारी के बारे में बहुत बताता है. सच्चाई ये है कि देश के शिक्षित युवा अपने जान को जोखिम में डालकर कथित तौर पर हाई वेतन के लिए युद्धग्रस्त क्षेत्रों में काम करने के लिए तैयार हैं.

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