बिहार: वक्फ बिल के खिलाफ पप्पू यादव निकालेंगे संवैधानिक अधिकार मार्च, अररिया से होगी शुरुआत
बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने शुक्रवार को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के खिलाफ यात्रा निकालने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि वह वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ हैं. और इसको लेकर वह बिहार में वक्फ संवैधानिक अधिकार यात्रा निकालेंगे. इस यात्रा की शुरुआत 29 सितंबर को अररिया से होगी. वहीं, संवैधानिक अधिकार यात्रा का समापन पटना के गांधी मैदान में होगा.
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने कहा कि वक्फ संवैधानिक अधिकार यात्रा 29 सितंबर से निकलेगी. इसके अगले दिन 30 सितंबर को यह यात्रा किशनगंज पहुंचेगी. साथ ही 31 सितंबर को यह यात्रा कटिहार, कोसी और सीमांचल होते हुए पटना के गांधी मैदान पहुंचेगी. पप्पू यादव का कहना है कि हर धर्म को अपनी धर्मार्थ संपत्तियों का संचालन एक संवैधानिक अधिकार है.
पप्पू यादव ने एक्स पर भी जानकारी साझा की
पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने वक्फ संवैधानिक अधिकार यात्रा को लेकर अपने एक्स पर भी जानकारी साझा की है. उन्होंने लिखा कि हर धर्म को अपनी धर्मार्थ संपत्तियों का संचालन करने का संवैधानिक अधिकार है. सांसद ने कहा कि वह अकलियत समाज और नागरिक अधिकारों के प्रति जागरूक लोगों के साथ मिल यात्रा पर निकलेंगे.
हर धर्म को अपनी धर्मार्थ संपत्तियों का
संचालन संवैधानिक अधिकार है
वक़्फ़ संवैधानिक हक़ को लेकर
अकलियत समाज और नागरिक
अधिकारों के प्रति जागरूक लोगों के
साथ मिल एक यात्रा पर निकलेंगे
वक़्फ़ संवैधानिक अधिकार यात्रा का
मकसद लोगों की राय के अनुरूप
JPC में शामिल MP को सजग करेंगे
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) September 13, 2024
उन्होंने लिखा कि, वक्फ संवैधानिक अधिकार यात्रा का मकसद लोगों की राय के अनुरूप संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में शामिल सांसदों को सजग करना है. वहीं, पूर्णिया के मुस्लिम बहुल इलाकों में वक्फ बोर्ड कानून के विरोध में क्यूआर कोड स्कैन अभियान भी चलाया जा रहा है. मस्जिद, मदरसा से लेकर गली मोहल्ले में क्यूआर कोड चिपकाया गया है और लोगों से आपत्ति दर्ज करने की मांग की जा रही है.
ये भी पढ़ें- बिहार: सीमांचल के मस्जिद मदरसों में चिपकाया जा रहा क्यूआर कोड, क्यों दहशद में है लोग?
वक्फ बोर्ड संशोधन कानून का मामला लोकसभा में पेश होने के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास चला गया है. जेपीसी अब इसमें संशोधन को लेकर आम लोगों और गैर-सरकारी संगठनों से सुझाव मांग रही है. वहीं, मुस्लिम संगठन क्यूआर कोड के जरिए अपनी आपत्तियां दर्ज करा रहे हैं. जबकि दूसरी ओर बीजेपी अपने सांसदों को बिल के फायदे लोगों तक पहुंचाने के लिए मुहिम चला रही है.