बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुकेश साहनी ने शुरू किया मोबाइल प्लान, बनाई ये खास रणनीति

विधानसभा चुनाव में अभी भले ही समय हो, लेकिन लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं. हर पार्टी अपने तरीके से मतदाताओं तक अपने नेताओं और पार्टी की नीतियों को पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.
इसी कड़ी में राज्य की हॉट पार्टी बन चुकी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) भी अपने मोबाइल प्लान पर काम कर रही है. इसके लिए पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मंत्री मुकेश साहनी ने इसकी शुरुआत कर दी है.
मोबाइल के जरिए सियासी रास्ते की तलाश
बिहार में चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, वीआईपी पर हर पार्टी की नजर टिकी रहती है. आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी महत्ता को समझते हुए, वीआइपी ने मोबाइल प्लान तैयार किया है. वीआइपी की योजना है कि मोबाइल फोन के माध्यम से राज्य के मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ को मजबूत किया जाए. इसी क्रम में पार्टी ने अपने इस प्लान को लागू कर दिया है.
हर जिले में आईटी सेल
वीआइपी हर जिले में अपनी एक आईटी सेल बनाने की प्रक्रिया में जुटी है. राज्य के कई जिलों में यह सेल बन चुकी है, जबकि कुछ जिलों में इसका काम अभी बाकी है. पार्टी ने इन आईटी सेल के सदस्यों को मोबाइल फोन प्रदान करना शुरू कर दिया है. मोतिहारी में पार्टी ने करीब चार हजार आईटी सेल मेंबर्स को मोबाइल फोन दिए हैं. इनका काम पार्टी की नीतियों और मुकेश सहनी के संदेशों को आम लोगों तक पहुंचाना है.
एक लाख से अधिक मोबाइल फोन बंटेंगे
वीआइपी ने अपने मोबाइल प्लान को सुनियोजित तरीके से तैयार किया है. मोतिहारी में चार हजार मोबाइल फोन बांटे गए हैं और आगे भी इसी तरह का प्लान है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, राज्य के प्रत्येक जिले में करीब तीन हजार मोबाइल फोन बांटे जाएंगे. बिहार में कुल 38 जिले हैं, इस हिसाब से पार्टी एक लाख 14 हजार मोबाइल फोन बांटने की तैयारी कर रही है.
पार्टी का बढ़ता हुआ वोट प्रतिशत
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति के अनुसार, अपनी स्थापना के बाद से ही वीआइपी ने बिहार की राजनीति में तेजी से अपनी पहचान बनाई है. राज्य के हर बूथ पर हमारी उपस्थिति दर्ज हो चुकी है, और हम मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं.
मत प्रतिशत में वृद्धि
अगर आंकड़ों पर गौर करें तो वीआइपी ने 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे. तब खगड़िया, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में पार्टी के उम्मीदवार खड़े हुए थे और वीआइपी को 6,60,706 वोट मिले थे, जिससे उसका मत प्रतिशत 1.7% रहा. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वीआइपी ने एनडीए के साथ मिलकर 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और चार सीटों पर जीत हासिल की. इस चुनाव में पार्टी को 6,39,840 वोट मिले और मत प्रतिशत 1.5% रहा. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. वीआइपी को 11,87,455 वोट मिले और मत प्रतिशत 2.8% रहा, हालांकि जीत नहीं मिल सकी.
हर जिले में होगा आयोजन
वीआईपी पार्टी ने आईटी सेल बनाई है, ताकि पार्टी की नीतियां और मुकेश सहनी का संदेश लोगों तक पहुँच सके. मोतिहारी में इसकी शुरुआत हो चुकी है, और हर जिले में हर सप्ताह एक कार्यक्रम होगा. हम अपनी पार्टी और नेताओं का संवाद जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं. अगले एक महीने में बिहार में वीआइपी की सबसे मजबूत आईटी सेल तैयार होगी. 37 जिलों में कार्यक्रम होना बाकी है, और हर 10 दिन में एक जिले में आयोजन किया जाएगा.

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