बिहार: सीमांचल के मस्जिद मदरसों में चिपकाया जा रहा क्यूआर कोड, क्यों दहशद में है लोग?
बिहार के मुस्लिम बहुल इलाका सीमांचल में मस्जिद, मदरसा से लेकर गली मोहल्ले में क्यूआर कोड चिपकाया गया है. इस क्यूआर कोड को लेकर युवक गली मोहल्ले में घूम रहे है और लोगों से आपत्ति दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. इसकी वजह वक्फ बोर्ड संशोधन कानून है. पुर्णिया के मुसलमान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ बोर्ड कानून का विरोध कर रहे है.
सीमांचल में मुसलमान वक्फ बोर्ड कानून के विरोध में लोगों से आपत्ति दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. उन्हें डर है कि यह कानून बनने के बाद उनकी जमीन, मदरसे, कब्रिस्तान छीन ली जाएगी. वहीं, क्यूआर कोड स्कैन अभियान में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी लगी हुई है. AIMIM के नेताओं का कहना है कि इस कानून के पास हो जाने से मुसलमानों को शव दफनाने के लिए कब्रिस्तान भी नहीं बचेगा.ॉ
‘शव दफनाने के लिए कब्रिस्तान भी नहीं बचेगी’
वक्फ बोर्ड कानून के विरोध को लेकर AIMIM के नेता जगह-जगह जागरूकता अभियान चला रहे हैं. AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का कहना है कि अगर यह कानून पास हो गया तो मुसलमानों के पास शव दफनाने के लिए कब्रिस्तान भी नहीं बचेगी. साथ ही वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के बाद हजारों मस्जिद टूट जाएगी.
दरअसल, मुस्लिम संगठनों के आपत्ति के बाद वक्फ बिल पास करने का मामला संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास चला गया है. अब समिति इस विधेयक पर आम लोगों, गैर-सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों से क्यूआर कोड के माध्यम से सुझाव मांग रहे है. इसी क्यूआर कोड के माध्यम से मुस्लिम संगठन अपनी आपत्ति दर्ज करवा रहे हैं.
बिल को लेकर BJP चलाएगी जागरूकता अभियान
वहीं, वक्फ (संशोधन) विधेयक पर मुस्लिम संगठनों की आलोचना के बाद अब बीजेपी भी जागरूकता मुहिम शुरू करने जा रही है. बीजेपी इस अभियान के तहत लोगों को बिल के फायदे के प्रति जागरूक करेगी. बीजेपी अपने सांसदों को बिल के समर्थन में जेपीसी की मेल आईडी पर मेल करवाने को कहा है. इसके लिए 3 लाख से ज्यादा का टारगेट दिया गया है.
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