बिहार: 4 सीटों पर होने हैं उपचुनाव, किसकी कैसी रणनीति, अभी पत्ते खुलना बाकी, समझें गणित

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बिहार के चार एमएलए चुनाव जीतकर सांसद बन गए. इन चारों के चुनाव जीतने के बाद अब सबकी निगाहें इन चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर टिकी हुई हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प हो गया है कि आखिर इन चार सीटों पर कौन सी पार्टी अपने उम्मीदवार को उतारेगी.
इन चार सीटों में से तीन ऐसी सीटें हैं, जिन पर विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी को जीत हासिल हुई थी, जबकि एक सीट एनडीए के हिस्से में आई थी. बेलागंज में जहां सीपीआई एमएल को सफलता मिली थी, वहीं बेलागंज और रामगढ़ में राजद उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी. इमामगंज सीट पर हम पार्टी को सफलता मिली थी. इनमें तरारी सीट पर सीपीआई एमएल के सुदामा प्रसाद ने निर्दलीय सुनील पांडेय को शिकस्त दिया था. जबकि, रामगढ़ सीट से राजद के सुधाकर सिंह ने बसपा की अंबिका सिंह को पछाड दिया था और बेलागंज सीट पर राजद के सुरेंद्र यादव ने जदयू के अभय कुमार सिन्हा को हराया था.
मिला जुला रहा है सभी पार्टियों का प्रदर्शन
इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में तरारी से विधायक सुदामा प्रसाद आरा लोकसभा सीट के लिए चुने गए, जबकि बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव ने जहानाबाद सीट से जीत हासिल की. वहीं रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह ने बक्सर सीट से और इमामगंज विधायक जीतन राम मांझी ने गया सुरक्षित सीट से जीत हासिल की. अगर इन विधानसभा सीटों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रदर्शन की बात की जाए तो इमामगंज सीट पर अब तक हुए चुनाव में दो बार हम पार्टी को जीत हासिल हुई है और चार बार जदयू को सफलता हासिल हुई है.
वहीं वामपंथ के गढ़ के रूप में जाने जाने वाले तरारी विधानसभा सीट पर दो बार सीपीई एमएल को सफलता मिल चुकी है तो दो बार एसएपी को सफलता मिली है और रामगढ़ सीट पर कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है. इस सीट पर कांग्रेस पार्टी को चार बार जबकि राजद को दो बार सफलता मिली है. वहीं बेलागंज को राजद का गढ़ माना जाता है इस सीट पर अबतक हुए चुनाव में चार बार राजद को जबकि तीन बार बीजेपी को सफलता मिली है.
नीतीश कुमार लेंगे सीटों पर फैसला
इन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कौन उम्मीदवार होगा, इसके बारे में जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री जमां खान कहते हैं, हम लोगों की पूरी तैयारी है और तैयारी रहती भी है. हम लोग बराबर काम करते हैं, हमारे नेता नीतीश कुमार बराबर इस बात के लिए निर्देशित करते रहते हैं कि तमाम लोग अपने विधानसभा में काम करते रहे है. जहां तक विधानसभा उपचुनाव की बात है, नेता निर्णय लेंगे, बैठकर बातें करेंगे. क्योंकि हमारा गठबंधन है उस गठबंधन में सबको बैठकर बात करनी है नेता का जो भी आदेश होगा, उनका पालन होगा, कोई भी चुनाव लड़ेगा तो हम लोग मिलजुल कर चुनाव जीतेंगे.
महागठबंधन का शीर्ष नेतृत्व लेगा हिस्सा
इन विधानसभा सीटों पर कौन उम्मीदवार होगा, इसके बारें में राजद के वरिष्ठ प्रवक्ता चितरंजन गगन कहते हैं, चुनाव महागठबंधन ही लड़ेगा. चार विधानसभा क्षेत्रों में से तीन विधानसभा क्षेत्र रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज में पिछले विधानसभा चुनाव में राजद का उम्मीदवार था. तरारी में माले चुनाव लड़ी थी वह इशारा करते हुए कहते हैं, वही स्थिति रहने की संभावना है लेकिन, अंतिम निर्णय महागठबंधन का शीर्ष नेतृत्व बैठेगा, वही लेगा. चुनाव महागठबंधन ही लड़ेगा महागठबंधन के सभी दल वहां सक्रिय रहेंगे.
बीजेपी ने भी नहीं खोले अभी तक पत्ते
राज्य की सत्ता में साझेदार बीजेपी भी अभी इन सीटों पर उतरने वाले उम्मीदवारों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोल रही है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक कहते हैं, यह सामूहिक नेतृत्व का विषय है हमारे अध्यक्ष ने भी कहा है कि प्रत्याशी एनडीए के होंगे, पार्टी क्या होगी क्या नहीं होगी, वह बाद का विषय है लेकिन, आधिकारिक तौर पर कहा जाए तो रामगढ़ सीट पर बीजेपी 2020 में चुनाव लड़ी थी, तरारी सीट भी बीजेपी लड़ी थी और इसके अलावा जो दो अन्य बेला और इमामगंज सीटों पर बेला में जदयू लडी थी और इमामगंज सीट पर हम पार्टी ने चुनाव लड़ा था.
अगर पुरानी व्यवस्था को देखा जाए तो उस आधार पर रामगढ़ और तरारी बीजेपी चुनाव लड़ सकती है और इमामगंज, जिला में जदयू और हम पार्टी के प्रत्याशी हो सकते हैं लेकिन, अभी तक इस पर स्पष्ट निर्णय नहीं लिए गए. एनडीए के प्रमुख नेता नीतीश कुमार, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, दोनों डिप्टी सीएम, पार्टी के कोर कमेटी के अन्य सदस्य बैठकर इस पर निर्णय लेंगे.

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