बेहद घृणित करने वाला है… तिरुपति के प्रसाद में मिलावट पर बोले आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु

आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि प्रसाद में गोमांस का सेवन करना घृणित है. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू मंदिरों की पवित्रता बनाए रखने के लिए उनका प्रबंधन सरकारी प्रशासन के बजाय धर्मनिष्ठ हिंदुओं द्वारा किया जाना चाहिए.
सद्गुरु ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी मिलाना बेहद घृणित करने वाला है. इसलिए मंदिरों का संचालन सरकारी प्रशासन द्वारा नहीं, बल्कि भक्तों द्वारा किया जाना चाहिए. जहां भक्ति नहीं, वहां पवित्रता नहीं. अब समय आ गया है कि हिंदू मंदिर सरकारी प्रशासन द्वारा नहीं, बल्कि धर्मनिष्ठ हिंदुओं द्वारा चलाए जाएं.

फिर से बढ़ी सुधारों की मांग
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक की ओर से यह बयान उनखबरों के बाद आया है जिसमें दावा किया गया है कि प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में कथित तौर पर पशुओं की चर्बी मिलाई जा रही थी, जिससे भक्तों में आक्रोश फैल गया है. इस घटना ने सरकार द्वारा नियुक्त निकायों द्वारा धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन पर लंबे समय से चली आ रही बहस को फिर से शुरू कर दिया है. जनता की नाराजगी को देखते हुए सुधारों की मांग फिर से बढ़ गई है.
संतो और पुजारियों से राय लेगी सरकार
प्रसाद में मिलावट को लेकर एक दिन पहले यानी शनिवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि सरकार अब भावी कदम के बारे में विचार रही है. इसके लिए सरकार संतो, पुजारियों और हिंदू धर्म के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करेगी. इसके साथ-साथ हम यह भी तय करेंगे कि इसका अनुष्ठानिक पवित्रीकरण कैसे किया जाना चाहिए.
लड्डुओं में मिलावट की बात सामने आने के बाद कई धार्मिक संगठनों ने इसकी जांच की मांग की है. कई राजनीतिक दलों ने भी इसकी निंदा की है और मंदिरों की पवित्रता को बनाए रखने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की गई है.

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