ब्रॉन्ज मेडल जीतते ही अमन सहरावत ने बताई अपनी गलती, इस वजह से नहीं जीत पाए गोल्ड
ओलंपिक गेम्स में मेडल जीतना हर एथलीट का सपना होता है लेकिन सब इसे पूरा नहीं कर पाते. कुछ एथलीट ऐसे होते हैं, जो कई कोशिशों के बाद सफलता पाते हैं जबकि कुछ ही ऐसे होते हैं जो अपने पहले ओलंपिक में ही ये कमाल कर देते हैं. फिर कुछ ऐसे भी होते हैं जो खास रिकॉर्ड के साथ मेडल जीतते हैं. भारत के पहलवान अमन सहरावत इस आखिरी कैटेगरी में आते हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 में अमन ने पुरुषों के 57 किलोग्राम भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया. इसके साथ ही वो ओलंपिक में इंडिविजुअल मेडल जीतने वाले भारत के सबसे युवा रेसलर (21 साल 24 दिन) भी बन गए. अगर इतना काफी नहीं था तो अमन ने परिपक्वता दिखाते हुए जीत के तुरंत बाद ही अपनी गलती भी बताई जिसके कारण वो फाइनल में जाने से चूक गए और गोल्ड मेडल के लिए दावा नहीं ठोक सके.
अमन ने बताया कहां हुई गलती
अमन ने शुक्रवार 9 अगस्त को अपने ब्रॉन्ज मेडल मैच में पुअर्तो रिको के रेसलर डारियन क्रूज को एकतरफा अंदाज में शिकस्त दी. अमन ने क्रूज को बड़ी आसानी से 13-5 से हराया और पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए रेसलिंग का पहला मेडल जीता. इस ऐतिहासिक जीत को अमन ने पूरे देश और अपने माता-पिता को समर्पित किया. फिर अमन ने हौसला दिखाते हुए अपनी गलती भी मानी, जिसने उन्हें गोल्ड मेडल के लिए दावेदारी पेश करने से रोक दिया.
अमन ने ब्रॉडकास्टर जियो सिनेमा से बात करते हुए कहा कि सेमीफाइनल मैच में वो थोड़ा कंफ्यूज हो गए थे और शुरुआत में ही ज्यादा पॉइंट्स देने की गलती कर बैठे. अमन ने माना कि उन्हें इस मुकाबले के दौरान एहसास हुआ कि बड़े मैचों में शुरुआत में ज्यादा पॉइंट्स देने के बाद वापसी मुश्किल हो जाती है. सेमीफाइनल में अमन को वर्ल्ड नंबर-1 जापान के रेइ हिगुची ने 10-0 से हरा दिया था. हिगुची ने ही इस इवेंट का गोल्ड जीता. अमन ने कहा कि ब्रॉन्ज मेडल मैच में उन्होंने इसका ही ध्यान रखा और शुरुआत से ही मुकाबले पर पकड़ रखी.
पहले ओलंपिक में ही किया कमाल
अपने पहले ही ओलंपिक में हिस्सा ले रहे 21 साल के अमन इन गेम्स में भारत की ओर से एकमात्र पुरुष पहलवान थे. ऐसे में उनसे उम्मीदें और भी ज्यादा थीं. पिछले साल ही अमन ने अंडर-23 की वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी. फिर इस साल वो अपने मेंटॉर रवि दहिया को ट्रायल्स में हराकर क्वालिफायर टूर्नामेंट में पहुंचे थे, जहां से उन्होंने पेरिस ओलंपिक का टिकट कटाया था. इतनी उपलब्धियों के बाद अमन ने अब पेरिस में देश का झंडा भी बुलंद कर दिया. ये इन ओलंपिक गेम्स में भारत का छठा मेडल है.