भगवान को प्रसन्न करने के लिए मेघालय की जनजातियों का त्योहार
भारत के अन्य राज्यों की तरह ही नॉर्थ ईस्ट का राज्य मेघालय भी मानसून के मौसम में अपना त्योहार मनाता है. मेघालय के इस त्योहार का नाम बेहदीनखलम है. बेहदीनखलम मेघालय में रहने वाली पनार जनजाति का सांस्कृतिक त्योहार है. जो मानसून के मौसम में खेतों में बुवाई के बाद मनाया जाता है.
यहां के आदिवासी समुदाय के अनुसार यह त्योहार अच्छी फसल के लिए भगवान से प्रार्थना करने के लिए मनाया जाता है. बेहदीनखलम उत्सव मनाने का दूसरा मुख्य कारण हैजे की बीमारी से राहत के लिए भगवान से प्रार्थना करना है. इस त्योहार के दौरान जैंतिया जनजाति के लोग खूब नाचते-गाते हैं. इसमें केवल पुरुष ही हिस्सा लेते हैं जबकि महिलाएं अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए बलि के बाद भोजन तैयार करती हैं
मेघालय के पर्यटन शहर जोवाई में बेहदीनखलम उत्सव को विशेष रूप से आयोजित किया जाता है. इस दौरान जैंतिया जनजाति के धर्म गुरु ‘दलोई’ धार्मिक परंपराओं के अनुसार पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करते हैं. पुरुष अपने घरों की छतों पर जाते हैं और प्लेग, हैजा, मलेरिया वाली बुरी आत्माओं को बांस की डंडियों से प्रतीकात्मक रुप से मार कर भगाते हैं.
इस दौरान दो समूहों के लोग अपने पूर्वजों की परंपरा का पालन करते हुए एक बीम के लिए बिना कपड़ों के एक-दूसरे से लड़ते हैं. इस बीम को मिट्टी से भरे गड्ढे को पार करने के लिए बनाया जाता है. कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोग एक-दूसरे पर मिट्टी लगाकर जश्न मनाते हैं.
बेहदिनखलम उत्सव तीन दिनों तक चलता है. उत्सव के आखिरी दो दिन सभी लोग ऐटनार नामक स्थान पर एकत्रित होते हैं. इस अवसर पर सभी पाइप और ड्रम की धुनों पर नाचते-गाते हैं. इस दौरान बारिश का होना भी वांछनीय है. स्थानीय लोग उत्सव के लिए खास तौर से रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं सब लोग सज-धज कर म्यनथोंग नाम की जगह पर जमा होते हैं और एक तरह के फुटबॉल के खेल शामिल होते हैं. बेहदिनखलम उत्सव के दौरान लकड़ी की गेंद को दूसरी तरफ से फेक कर मैच को जीता जाता है. मैच जीतने का मतलब होता है कि अगले साल पूरे इलाके में अच्छी बारिश होगी. इस दौरान सभी लोग खूब मौज-मस्ती करते हैं.
बेहदीनखलम उत्सव
यह उत्सव मेघालय की पनार जनजाति के लोगों द्वारा मनाया जाता है. यह मेघालय की जनजातियों का सबसे बड़ा उत्सव है जो अच्छी फसल के लिए भगवान को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है. इस अवसर पर अच्छी बारिश के लिए ईश्वर से खास प्रार्थना की जाती है. बेहदीनखलम उत्सव मेघालय के जोवाई, पश्चिमी जैंतिया क्षेत्रों, तुबार चेमाई और जैंतिया पहाड़ियों में मनाया जाता है. इस उत्सव के दौरान यू मुखई, मुलोंग, मुरालोंग, मुसनियांग नामक देवताओं की विशेष पूजा की जाती है.
मेघालय कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग : मेघालय सड़क मार्ग से असम के गुवाहटी शहर से अच्छी तरह जुड़ा है. गुवाहटी से मेघालय के शिलांग की दूरी करीब 100 किमी है. इस दूरी को कैब या टैक्सी से तीन घंटे में पूरा किया जा सकता है. गुवाहटी से शिलांग तक अच्छा हाईवे बना हुआ है.
रेल मार्ग : मेघालय के शिलांग के सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन असम का गुवाहटी है. गुवाहटी से आसानी से मेघालय की राजधानी शिलांग पहुंचा जा सकता है.
हवाई मार्ग : शिलांग में हवाई अड्डा बना हुआ है लेकिन यहां से दूसरे शहरों के लिए न के बराबर उड़ाने है. शिलांग के सबसे नजदीक का हवाई अड्डा असम का गुवाहटी है. गुवाहटी के लिए देश के सभी बड़े शहरों से नियमित उड़ानें हैं.