भले ही बच्चे आपको विलेन मानने लगें…मनोज बाजपेयी ने क्यों कि सख्त होने की वकालत

मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी 100वीं फिल्म ‘भैया जी’ को लेकर चर्चा में हैं. ये फिल्म 24 मई को रिलीज हुई है. इस बीच अब मनोज पेरेंटिंग पर अपनी राय देने को लेकर सुर्खियों में हैं. वो एक शानदार एक्टर होने के साथ वो एक बेहतरीन पिता भी हैं. उनके मुताबिक किसी भी माता-पिता को अपने बच्चों के साथ सख्ती बरतने से नहीं डरना चाहिए. भले ही उनके बच्चे सोचते हों कि उनके माता-पिता उनके विलेन हैं.
मनोज बाजपेयी के मुताबिक, ज्यादा लाड-प्यार बच्चों की ज़िंदगी को बिगाड़ रही है. इस बात का जिक्र खुद मनोज बाजपेयी ने RJ रौनक को दिए एक इंटरव्यू में खुद किया है. मनोज ने कहा कि उन्होंने इस बारे में कई बार सोचा है कि आखिर क्यों आजकल के बच्चे रिजेक्शन से डील नहीं कर पाते हैं.

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बच्चों को ट्रॉफी समझते हैं…
मनोज बाजपेयी ने कहा कि आज के बच्चों को रिजेक्शन का सामना करने में मुश्किल होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों को बहुत लाड-प्यार करते हैं और उन्हें ये नहीं सिखाते कि दुनिया का सामना कैसे करना है. मनोज बाजपेयी ने कहा, ”हम जॉइन्ट फैमिली से शिफ्ट होकर अब न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं. हम शहरों में रहते हैं और अपने बच्चों को एक ट्रॉफी की तरह समझने लगे हैं. इस दौरान हम भूल जाते हैं कि इसी बच्चे को दुनिया का सामना भी करना है. हमें इस चीज का खयाल रखना है और उसी हिसाब से उन्हें तैयार करना चाहिए.”

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मनोज बाजपेयी ने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को हद से ज्यादा लाड-प्यार नहीं देना चाहिए, भले ही बच्चे ये क्यों न सोचने लगे कि उनके माता-पिता विलेन हैं. उन्होंने कहा कि माता-पिता का प्यार बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है. मनोज बाजपेयी के अनुसार, उनके जमाने में लोग असल दुनिया से जुड़े हुए थे, लेकिन आज के मॉडर्न बच्चे असल दुनिया की तुलना में स्क्रीन से ज्यादा जुड़े हुए हैं और अपना समय वहीं बिताते हैं.”

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