भारतीय मूल की उषा से शादी, एक बुक ने बदली जिंदगी… कौन हैं जेडी वेंस जिन्हें ट्रंप ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओहियो के सीनेटर जेडी वेंस को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुन लिया है. एक समय वेंस पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के आलोचक रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे वह ट्रंप के करीबी बन गए और उनका भरोसा जीत लिया. यही वजह है कि ट्रंप ने देश की दूसरे नंबर की पोस्ट का उम्मीदवार बनाया है. ट्रंप ने जेडी वेंस के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि लंबे मंथन के बाद फैसला लिया गया है कि यूनाइटेड स्टेट्स के उपराष्ट्रपति का पद संभालने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति ग्रेट स्टेट ऑफ ओहियो के सीनेटर जेडी वेंस हैं.
जेडी वेंस की उम्र 39 साल है. उनका जन्म 2 अगस्त 1984 में ओहियो के मिडिलटाउन में हुआ है. वेंस का ओहियो में कठिन वित्तीय परिस्थितियों में बचपन गुजरा है. उनकी मां नशे की लत से जूझती रहीं. पिता का साया जल्द ही उठ गया. उनके दादा-दादी ने ज्यादातर समय उनकी देखभाल की. इन कठिनाइयों के बावजूद वेंस ने कड़ी मेहनत करते हुए अपने जीवन की पटकथा लिखी. उन्होंने अमेरिका में अपनी तेजी से पहचान बनाई. शुरुआती करियर की बात करें तो मरीन में नौकरी की है. इस बीच उन्होंने अपना इराक में ड्यूटी का दौरा पूरा करने के बाद ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी और येल लॉ स्कूल से पढ़ाई की. इसके बाद वेंस ने सिलिकॉन वैली में वेंचर कैपिटलिस्ट के रूप में काम करते हुए बिजनेस वर्ल्ड में भी अनुभव हासिल किया.
कौन हैं उषा चिलुकुरी, जिनसे जेडी वेंस ने की शादी?
जेडी वेंस ने भारतीय मूल की वकील उषा चिलुकुरी वेंस से शादी की है. पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस का उन्हें पूरा समर्थन प्राप्त है. येल में सहपाठी उषा ने वेंस को उस ग्रुप डिस्कशन आयोजित करने में मदद की. इस दौरान दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और एक-दूसरे को डेट करने लग गए थे. कई सालों तक डेट करने के बाद इस कपल ने आखिरकार 2014 में शादी करने का फैसला कर लिया. बताया जाता है कि एक हिंदू पंडित ने शादी को संपन्न कराया था. इस कपल के तीन बच्चे हैं, जिनका नाम इवान, विवेक और मीराबेल है.
उषा चिलुकुरी वेंस खुद को हमेशा लो प्रोफाइल रखती हैं. वह कभी-कभी पॉलिटिकल गैदरिंग में हिस्सा लेती हैं. उषा सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन डीसी में एक वकील के तौर में काम करती हैं. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन जी रॉबर्ट्स जूनियर के साथ-साथ जज ब्रेट कवनौघ और जज अमूल थापर के लिए भी क्लर्क का भी काम किया है.
जेडी वेंस 2022 में सीनेट के लिए चुने गए
जेडी वेंस की उस समय अमेरिका में पहचान बन गई जब उन्होंने साल 2016 में अपने संस्मरण “हिलबिली एलेजी” बुक को प्रकाशित किया. इसी से उन्हें राष्ट्रीय पहचान मिली. उन्होंने फिर राजनीति में एंट्री मारी और साल 2022 में सीनेट के लिए चुने गए. इसके बाद उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” एजेंडे का जमकर समर्थन किया. इसमें खासकर व्यापार, विदेश नीति और आव्रजन के क्षेत्रों शामिल थे.
बुक “हिलबिली एलेजी” की सफलता ने वेंस को मध्य अमेरिका में कामकाजी लोगों, ग्रामीण श्वेत वोटरों के बीच ट्रंप की अपील में योगदान देने वाले फैक्टर पर एक व्यावहारिक टिप्पणीकार के रूप में स्थापित किया. साथ ही साथ उन्होंने ट्रंप की चुनावी जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी किताब का ट्रंप परिवार प्रशंसक रहा है. उनकी राजनीति में एंट्री होने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप जूनियर वेंस से से परिचित थे. दोनों में दोस्ती बढ़ती गई और समय के साथ कायम भी रही है.
कैसे मिली जेडी वेंस को सियासत में एंट्री?
2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत के बाद जेडी वेंस ओहियो लौटे और एक एंटी-ओपियोइड चैरिटी की स्थापना की. वेंस ने रिपब्लिकन लिंकन डे डिनर सहित तमाम कार्यक्रमों में भाषण देना भी शुरू किया, जहां उनकी व्यक्तिगत कहानी दर्शकों को पसंद आती थी. इन्हीं भाषणों के जरिए उन्होंने अपना सियासी मंच तैयार कर लिया. इसी दौरान रिपब्लिकन सीनेटर रॉब पोर्टमैन ने अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया. यहीं से वेंस को मौका मिल गया और उन्होंने खाली सीनेट सीट पर सियासी दांव खेल दिया. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थन के साथ वेंस एक बेहद प्रतिस्पर्धी रिपब्लिकन प्राइमरी से विजयी हुए. इसके बाद उन्होंने आम चुनाव जीता और ओहियो से अमेरिकी सीनेटर के रूप में अपना स्थान सुरक्षित किया.
जेडी वेंस एक रिपब्लिकन के तौर पर साल 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का विरोध किया था. हालांकि उनका मत 2021 आते-आते बदल गया था. उन्होंने ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए खतरनाक और अनफिट करार दिया था. यहां तक कि ट्रंप की नस्लवादी भाषा की भी निंदा कर चुके हैं और उनको लेकर आशंका जाहिर की थी कि वह अमेरिका के हिटलर बन सकते हैं. हालांकि, जब मन बदला तो राष्ट्रपति की उपलब्धियों की जमकर प्रशंसा की थी. यही नहीं, साल 2021 में वेंस कैपिटल हिल पर ट्रंप के कट्टर समर्थक बनकर उभरे और बिना किसी हिचकिचाहट के लगातार पूर्व राष्ट्रपति के कार्यों और नीतियों का बचाव करते दिखाई दिए.