भारत और मालदीव के बीच हुई ये डील, चीन को भी नहीं हुआ यकीन

जब से मालदीव में सत्ता परिवर्तन हुआ है. तब से भारत और मालदीव के रिश्ते वैसे नहीं रहे, जैसे रहे हैं. इन रिश्तों को और खराब करने में चीन ने भी काफी प्रयास किए हैं. भारत को अपनी सेना तक को मालदीव से बुलाना पड़ा. जिसे चीन भारत के खिलाफ एक बड़ी डिप्लोमैटिक जीत मानकर चल रहा था. अब भारत ने मालदीव के साथ एक ऐसी डील कर ली है, जिसे देखकर चीन को भी यकीन नहीं हो रहा है. इस डील से जितना फायदा भारत को होगा. उतना ही शायद उससे कहीं ज्यादा मादीव को होने की उम्मीद है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत और मालदीव के बीच कौन सी डील हुई है.
इस एमओयू पर हुए साइन
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत और मालदीव ने यहां एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा कि इस समझौते का मालदीव के पर्यटन क्षेत्र पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जयशंकर की तीन दिवसीय आधिकारिक मालदीव यात्रा के दौरान शुक्रवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि मालदीव में (ए) डिजिटल भुगतान प्रणाली की शुरुआत पर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और मालदीव के आर्थिक विकास और व्यापार मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए.

A useful meeting with Economic Development and Trade Minister @em_saeed, Minister of Finance @mshafeeqmv and Ahmed Munawar, Governor of the Maldives Monetary Authority.
Exchanged views on enhancing our economic and trade partnership as well as development cooperation. pic.twitter.com/6p4joXU8sj
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 10, 2024

क्रांति लेकर आया भारत के यूपीआई
एनपीसीआई द्वारा विकसित यूपीआई मोबाइल फोन के माध्यम से बैंकों के बीच लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक त्वरित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है. मालदीव में अपने समकक्ष मूसा जमीर के साथ बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत ने अपने यूपीआई के माध्यम से डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला दी है. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में वित्तीय समावेशन नए स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि आज दुनिया के 40 प्रतिशत वास्तविक समय के डिजिटल भुगतान हमारे देश में होते हैं.
मालदीव में पर्यटन काफी अहम
पर्यटन मालदीव की आर्थिक गतिविधि का मुख्य स्रोत है. यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देता है तथा 60 प्रतिशत से अधिक विदेशी मुद्रा उत्पन्न करता है. जयशंकर की यात्रा का उद्देश्य मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाना है. मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पिछले वर्ष पदभार ग्रहण करने के बाद भारत की ओर से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है.
चीन के लिए सिरदर्द
वहीं दूसरी ओर मालदीव और भारत के बीच बढ़ती करीबी एक बार फिर से चीन के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है. चीन ने मालदीव की मौजूदा सत्ता को भारत के खिलाफ भड़काने का काफी प्रयास किया है. जिसमें काफी हद तक सफल भी हुआ था. दोनों देशों के रिश्तों में खटास भी आनी शुरू हो गई थी. भारत को अपनी सेना तक बुलानी पड़ गई थी. अब भारत के विदेशी मंत्री की मालदीव यात्रा ने एक पड़ोसी देश के साथ रिश्तों में सुधार का नया चैप्टर लिखने की शुरुआत की है. यूपीआई को लेकर डील उसी का एक हिस्सा मात्र है. अब देखने वाली बात होगी कि चीन की ओर से किस तरह का रिएक्शन सामने आता है.

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