भारत और रूस मिलकर जिस परमाणु प्लांट के लिए कर रहे थे शेख हसीना की मदद, उसका क्या हुआ?

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार पर रूपपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट (RNPP) को लेकर 5 बिलियन डॉलर गबन करने का आरोप लगा है. वहीं रूस के राजदूत एलेक्जेंडर मंतित्स्की ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है, उन्होंने कहा है कि अभी तो न्यूक्लियर प्लांट का निर्माण चल रहा है ऐसे में इतनी बड़ी रकम किसी को कैसे दी जा सकती है.
RNPP बांग्लादेश का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट है जिसका निर्माण रूस की सरकारी कंपनी ROSATAM कर रही है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शेख हसीना और उनके परिवार ने इस प्रोजेक्ट में बड़ा घोटाला किया है. दरअसल रूपपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट शेख हसीना के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है, वहीं पिछले महीने ही रूस की इस सरकारी कंपनी ने जानकारी दी थी कि RNPP के निर्माण में भारत की कुछ कंपनियां भी सहयोग कर रहीं हैं. यानी शेख हसीना के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में भारत और रूस मदद कर रहे थे.
कहां तक पहुंचा न्यूक्लियर प्लांट का निर्माण?
बीते दिनों बांग्लादेश में हुए सियासी उठापटक के बाद इस तरह के आरोप तो लगने ही थे, लेकिन शेख हसीना की सरकार जाने के बाद अब इस न्यूक्लियर पावर प्लांट का काम कहां तक पहुंचा है?
ताजा जानकारी के मुताबिक रूपपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट (RNPP) की यूनिट-2 के लिए परमाणु ईंधन हैंडलिंग सिस्टम का एक हिस्सा ट्रांसपोर्ट लॉक कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंचा दिया गया है. RNPP बनाने वाली रूसी कंपनी रोसाटॉम के अनुसार, ट्रांसपोर्ट लॉक जल्द ही रिएक्टर बिल्डिंग में स्थापित किया जाएगा जो ज्यादा सटीक और सबसे अधिक मुश्किल काम है. ट्रांसपोर्ट लॉक का मुख्य काम कंटेनमेंट के अंदर रेडियोएक्टिव पदार्थों को बनाए रखना और फायर सेफ्टी सुनिश्चित करना है. 235 टन वजनी यह लॉक एक बेलनाकार स्ट्रक्चर है, जिसकी लंबाई 12.7 मीटर और व्यास 10 मीटर है.
RNPP का 85% काम पूरा- रोसाटॉम
रोसाटॉम के मुताबिक RNPP का करीब 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है. रूपपुर न्यूक्लियर प्लांट में 2 यूनिट हैं, इसमें VVER-1200 रिएक्टर होंगे जिनकी कुल क्षमता 2400 मेगावॉट होगी. जानकारी के मुताबिक इसकी यूनिट-1 इसी साल चालू होना था. वहीं यूनिट-2 अगले साल कमीशन्ड होगी. यानी अगले साल तक यह न्यूक्लियर पावर प्लांट पूरी तरह से चालू हो जाएगा.
वहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना चाहती थीं कि ROSATAM ही इसके यूनिट-3 और यूनिट-4 का निर्माण करे, लेकिन सरकार जाने के बाद अब इन दोनों यूनिट का भविष्य क्या होगा इस पर संशय बरकरार है. हालांकि रूस के राजदूत एलेक्जेंडर मंतित्स्की ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से शिष्टाचार भेंट के दौरान इस न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए रूस की ओर से सहायता जारी रखने की इच्छा जताई है.

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