भारत का सपना कैसे होगा पूरा, 2030 तक एक्सपोर्ट किंग बनने का है लक्ष्य
भारत तमाम देशों से अपनी रणनीतिक साझेदारी बढ़ा कर निर्यात को मजबूत करने का प्रयास कर रहा बावजूद बीते वर्षों में दूसरे दशों में एक्सपोर्ट के आकड़े में गिरावट आई है. देश में बैंकों की स्थिती अस्थिर होने के कारण और दुनिया के कई हिस्सों में जारी युद्ध से प्रभावित ग्लोबल सप्लाई चेन का भी सरकार के इस लक्ष्य पर बुरा प्रभाव पड़ा है.
बीते दो सालों में निर्यातकों को मिलने वाले मुनाफे में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट मार्केट में दूसरे सेक्टर के बदलाव से बिल्कुल विपरीत हैं. यह आंकड़ा इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि यह गिरावट निर्यात क्षेत्र के प्रमुख डीविजन में देखने को मिली हैं, जो 19,861 के लाभ के बाद 41% की गिरावट के साथ 11,721 करोड़ रुपए पर आकर थम गई.
2030 तक 168 लाख करोड़ के निर्यात का लक्ष्य
भारत ने 2030 तक 168 लाख करोड़ के निर्यात का लक्ष्य रखा है, इसलिए ऋण संकट को दूर करना समय की मांग है. क्रेडिट की कमी के कारण कॉमर्स डिपार्टमेंट ने बैंकों की रेगुलेटरी बॉडी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और वित्त मंत्रालय को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है.
क्या हैं चुनौतियां?
कमोडिटी की बढ़ती कीमत, माल ढुलाई दरों में वृद्धि सरकार के इस वीजन में एक रूकावट बनी हुआ है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ( एफआईईओ ) ने इन मुद्दों को निर्यातकों के लिए एक बड़ी बाधा के रूप में उजागर किया है. इसके अलावा, पश्चिम एशिया से लेकर लाल सागर तक निर्यातक जियो-पॉलिटिकल टेंशन के कारण बढ़ते दबाव का सामना कर रहे हैं. इसके वजह से शिपिंग मार्ग प्रभावित हो रहा है. स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है.
निर्यातकों की लगातार चेतावनियों और स्थिति की बढ़ती गंभीरता के बावजूद, सरकार और आरबीआई ने अभी तक प्रभावी उपाय लागू नहीं किए हैं. इस सप्ताह के अंत में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में व्यापार मंडल की आगामी बैठक होने जा रही है. उम्मीद है कि इस मुद्दे पर फिर से विचार किया जाएगा.
बैंक बढ़ा रहे मदद का हाथ
कई बैंकों ने अपनी नीतियां जटिल बनाई हैं जिसके कारण निर्यातकों को पैसे के लेन-देन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, FIEO ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (ECGC) से अतिरिक्त सहायता देने का ऑफर दिया है साथ ही वह ब्याज सब्सिडी में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि, FIEO ने सुझाव दिया है कि RBI प्राथमिकता वाले क्षेत्र को क्रेडिट देने के मौजूदा 40% लक्ष्य के भीतर निर्यात क्रेडिट के लिए एक सब-टारगेट निर्धारित करने पर विचार करें.” सहाय के अनुसार यह कदम निर्यातकों के सामने आने वाले कुछ क्रेडिट फ्लो के मुद्दों को कम करने में मदद कर सकता है.