भारत का सबसे बड़ा दुश्मन कौन, पाकिस्तान या चीन?
भारत एक ऐसा देश है, जो अपनी आजादी के बाद से ही ऐसे पड़ोसियों से घिरा है जो उसे आए दिन नुकसान पहुंचाने की साजिश रचते रहते हैं. पहले बस पाकिस्तान और चीन से ही भारत को खतरा रहता है, लेकिन अब श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव और म्यांमार-नेपाल जैसे पड़ोसी भी चीन के दम पर भारत को आंख दिखाने लगे हैं. ये सब एक दिन में नहीं हुआ है. भारत के पड़ोसियों को उसका दुश्मन बनाने की चाले चीन और पाकिस्तान लंबे से समय से चल रहे हैं.
पाकिस्तान और चीन को लेकर भी हम भारतीयों के मन में कई सवाल आते हैं. अगर हमें भारत का नंबर एक दुश्मन चुनना पड़े तो वो चीन होगा या पाकिस्तान? अक्सर पाकिस्तान की नापाक हरकतों से देश के अखबार और मीडिया चैनलों की हेडलाइंस भरी रहती है, लेकिन चीन पाकिस्तान से भी आगे है जो भारत को जमीनी, समुद्री और हवाई तीनों तरफ से घेरने की कोशिश करने में लगा है.
पाकिस्तान जहां कश्मीर में भारत के खिलाफ चरमपंथियों को हवा देने में, भारत में अशांति फैलाने में लगा रहता है. वहीं चीन तो उससे भी आगे बढ़कर भारत के दोस्तों को अपनी तरफ करने, भारत के व्यापार के रास्ते सीमित करने, यहां तक भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अछूता करने में लगा है. पाकिस्तान भारत में अशांति चाहता है और चीन एशिया में भारत को खुद से बड़ी ताकत बनते नहीं देखना चाहता. आइये आज एक नजर डालते हैं, भारत का बड़ा दुश्मन कौन है.
चीन भारत के लिए कितना बड़ा खतरा?
आजादी के बाद तत्कालीन भारत सरकार ने चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का ऐलान किया था. साल 1954 में तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा भी दिया था. ये वो साल था जब भारत और चीन के बीच पंचशील समझौते की बुनियाद रखी गई थी. ये समझौता चीन के कब्जे वाले क्षेत्र तिब्बत और भारत के बीच व्यापार और आपसी संबंधों को लेकर हुआ था. इस समझौते के तहत भारत ने तिब्बत पर चीन का शासन स्वीकार कर लिया था.
दलाई लामा और जवाहरलाल नेहरू (फाइल फोटो)
जिस वक्त भारत में चीन से दोस्ती के गीत गाए जा रहे थे उसी समय भारतीय क्षेत्र के 120,000 वर्ग किलोमीटर हिस्से को चीनी मानचित्रों में चीन का हिस्सा दिखाया जा रहा था. हद तो तब हो गई जब चीन ने 20 अक्टूबर 1962 को भारत पर हमला कर दिया. इसी युद्ध को चीन भारत युद्ध के नाम से जाना जाता है. इस युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था और तब से आज तक चीन ने भारत का कई हजार वर्ग किलोमीटर का हिस्सा कब्जा रखा है.
चीन यहीं नहीं रुका वो आज भी भारत के अंदर घुसने की कोशिश करता रहता है और सबसे ताजा मामला 2020 में गलवान वैली का है, जब भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुए फेस-ऑफ में 20 भारतीय और 4 चीनी सैनिक मारे गए थे. तभी से भारत सरकार ने चीन के साथ होने वाला व्यापार भी बंद कर रखा है. कुछ इस तरह की झड़पें और पेट्रोलिंग को लेकर दोनों सेनाओं के बीच मतभेद अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख के कई हिस्सों में होते रहते हैं. चीन यहां हमेशा से भारत की सीमा में दाखिल होने की कोशिश करता है. इसके अलावा कई और तरीकों से चीन भारत को निशाना बना रहा है.
भारत से दूसरे देशों को दूर कर रहा चीन
1998 में तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने एक अंग्रेजी मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, हमारे देश के लोग सच का सामना करने से कतराते हैं और चीन की मंशा पर कोई सवाल नहीं उठाता. चीन जिस तरह से पाकिस्तान को मिसाइलें और आर्थिक मदद दे रहा है, म्यांमार के सैनिक शासन को सैन्य मदद दे रहा है और भारत को जमीन और समुद्र के जरिए घेरने की कोशिश में लगा है, इससे तो यही जाहिर है कि चीन हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है.
चीन ने अपने वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट के जरिए कई देशों को अपने साथ जोड़ा है. भारत को इससे दूर रखा गया है. इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका एवं यूरोप के कई देशों को जमीनी और समुद्री रास्तों से जोड़ रहा है. चीन के इस प्रोजेक्ट को न्यू सिल्क रोड भी कहा जा रहा है. इसका एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से भी होके जा रहा है जिस पर भारत कई बार आपत्ति जता चुका है. इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन दुनिया के कई देशों में भारत से ज्यादा अपना वर्चस्व कायम करने में लगा है.
इसके अलावा चीन ने हाल ही में अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार के साथ दोस्ती बढ़ाई है, वहीं एशिया में भारत के सबसे अच्छे दोस्त बांग्लादेश में भी शेख हसीना के अंत के बाद चीन बांग्लादेश से दोस्ती बढ़ाने में लगा है. इसके अलावा भूटान, नेपाल, श्रीलंका सब जगह चीन अपना वर्चस्व कायम करने में लगा है.
पाकिस्तान से भारत को कितना खतरा?
आजादी के बाद से भारत और पाकिस्तान ने 4 बड़े युद्ध (1947-1948, 1965, 1971, और 1999) लड़े हैं. इन सभी जंगों में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है. पाकिस्तान सीधे युद्ध के अलावा आतंकवादियों को भारत के खिलाफ ट्रेनिंग, पैसा और उनको पनाह आदी देता रहता है. कश्मीर में अशांति के पीछे पाकिस्तान का बड़ा हाथ है.
पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान सेना चीन के साथ मिलकर लगातार युद्ध अभ्यास कर रही है और चीन उसको कई तरह के हथियार भी दे रहा है. भारत के लिए पाकिस्तान के खतरे की बात करें, तो वे बस उससे जुड़ी सीमा पर ही है, या थोड़ा बहुत भारत में आतंकी घुसाकर शांति भंग करने में या भारत के शरारती तत्वों को पैसा या और तरह से मदद करने का है.
पाकिस्तान के इन खतरों से निपटने के लिए भारतीय सेना, सुरक्षा एजेंसी पूरी तरह सक्षम है और आए दिन वे पाकिस्तान के नापाक साजिशों नाकाम भी कर रही हैं.
दुनिया को भारत से दूर नहीं कर पा रहा पाक
पाकिस्तान कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत के खिलाफ खड़ा दिखाई देता है. कश्मीर मुद्दे को पाकिस्तान ने कई बार संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया है, लेकिन वे मुस्लिम देश को भी भारत से दूर नहीं कर पाया. पाकिस्तान के सबसे बड़े मददगार सऊदी अरब से भी भारत के अच्छे रिश्ते हैं. यहां तक ईरान और UAE जैसे देश भी कश्मीर मुद्दे पर पाक का साथ देने से बचते रहे हैं.
हालांकि मलेशिया, तुर्की जैसे कुछ देशों को पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ खड़ा करने में कामयाब रहा है, लेकिन इन देशों ने भी भारत का विरोध सिर्फ शब्दों से ही किया है. भारत के इन दो देशों के साथ दोस्ताना रिश्ते बने हुए है.
कई जानकार मानते हैं पाकिस्तान भारत को बड़े पैमाने पर नुकसान नहीं पहुंचा सकता क्योंकि उसकी न सैन्य न आर्थिक लिहाज से इतनी हैसियत है कि वे ये करने में कामयाब हो.