भारत के इस स्टार खिलाड़ी को किया गया सस्पेंड, लग सकता है 4 साल का बैन, जानें पूरा मामला
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स की ओर के कमाल का खेल देखने को मिल रहा है. वह अभी तक 4 मेडल जीत चुके हैं, जिसमें एक गोल्ड मेडल शामिल है. खास बात है कि ये चारों मेडल एक ही दिन में आए हैं. इसी बीच भारत के टॉप मिडिल डिस्टेंस रनर परवेज खान को लेकर बुरी खबर सामने आई है. परवेज खान हाल ही में काफी सुर्खियों में आए थे, लेकिन अब खबर सामने आई है कि वह डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं. ऐसे में उन्हें अस्थाई रूप से सस्पेंड कर दिया गया है. अब उन पर 4 साल का बैन लगने का खतरा भी मंडरा रहा है.
भारतीय स्टार एथलीट पर बैन का खतरा
हाल ही में अमेरिका में एनसीएए सर्किट में अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरने वाले 19 साल के परवेज खान को अगर डोपिंग का दोषी पाया जाता है तो उन पर अधिकतम चार साल का बैन लग सकता है. इस घटनाक्रम से जुड़े एक शीर्ष सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘हां, परवेज खान को डोप जांच में फेल होने के बाद नाडा द्वारा अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है.’ राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने जो अस्थायी निलंबन लगाया है, उसके शुरू होने की तारीख की जानकारी नहीं मिली है. प्रतिबंधित पदार्थ किस तरह का है, इसकी भी पुष्टि नहीं की जा सकी है.
यह लगभग तय है कि उनका डोप नमूना हरियाणा के पंचकुला में हुई राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय चैंपियनशिप (27 से 30 जून) के दौरान लिया गया था, जिसमें वह जून 2023 में भुवनेश्वर में राष्ट्रीय अंतर राज्यीय चैंपियनशिप में खेलने के बाद पहली बार किसी घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे थे.
कौन हैं रनर परवेज खान?
हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले परवेज खान भारत के उभरते हुए सितारे हैं. वह मेवात जिले के तावडू खंड के गांव चाहल्का के रहने वाले हैं. उन्होंने अमेरिका में इसी साल कॉलेजिएट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 1500 मीटर दौड़ जीती थी. इससे पहले परवेज अंडर 16 में 800 मीटर में नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है. जिसके बाद लगातार 202122 में परवेज नेशनल चैंपियन भी रह हैं. बता दें, परवेज को शुक्रवार (30 अगस्त) को बेंगलुरु में शुरू हुई ओपन नेशनल चैंपियनशिप में 1500 मीटर दौड़ में भाग लेना था, लेकिन इस रेस से भी उनका नाम हटा दिया गया.
एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले खान के पास नाडा का पत्र मिलने के बाद ‘बी’ सैंपल टेस्ट करवाने के लिए सात दिन का समय है, ऐसा न करने पर यह माना जाएगा कि एथलीट उस टेस्ट में रुचि नहीं रखता है. अगर आरोप साबित हो जाता है, तो उन्हें चार साल के बैन का सामना करना पड़ सकता है.