भारत के किफायती अंतरिक्ष कार्यक्रम से सभी को जलन… एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा

अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा ने रविवार को भारत के आगामी अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी. शर्मा ने नासा द्वारा भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए प्रशिक्षित करने के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को देखने और उसके बारे में जानने का मौका मिलेगा.
विंग कमांडर राकेश शर्मा 02 अप्रैल 1984 को अपने तीन सोवियत सहयोगियों के साथ अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरे थे. उन्होंने सोवियत रॉकेट सोयूज टी-11 पर सवार होकर अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रचा था. वहीं, राकेश शर्मा ने उन दिनों को याद करते हुए कहा कि ‘मेरे समय में अंतरिक्ष क्षेत्र में केवल दो देश ही व्यस्त थे, रूस और अमेरिका.’
‘भारत ने जो किया है, उससे दुनिया बहुत प्रभावित है’
भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में कहा कि उनके समय में केवल रूस और अमेरिका ही अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वे एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे थे. जबकि हम चुपचाप अपने एप्लिकेशन प्रोग्राम, अपने सैटेलाइट प्रोग्राम पर काम कर रहे थे. क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था में मदद कर रहा था.
उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हमारा ध्यान अपने देश के अंदर था. और उनका ध्यान भू-राजनीतिक दौड़ पर था. शर्मा ने कहा, ‘लेकिन तब से, मुझे लगता है कि हमने महसूस किया है कि अंतरिक्ष आम लोगों के लिए क्या कर सकता है. और हमने वह किया है.’ उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत ने जो किया है, उससे दुनिया बहुत प्रभावित है.
‘भारत के सस्ते अंतरिक्ष कार्यक्रम से सभी को जलन होती है’
चंद्रयान और मंगलयान मिशन पर बोलते हुए राकेश शर्मा ने कहा कि भारत ने दोनों के लिए अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है. यह कई मायनों में आश्चर्यजनक और अद्भूत है. उन्होंने कहा कि अब जब गगनयान आने वाला है. भारत ने बहुत सस्ते में वैज्ञानिक अन्वेषण किया है, इसलिए यह बहुत किफायती अंतरिक्ष कार्यक्रम है. जिससे सभी को जलन होती है क्योंकि दूसरे देश इसके लिए बहुत अधिक खर्च कर रहे हैं.
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उन्होंने नासा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, ‘हमारे दो अंतरिक्ष यात्री वहां गए हैं. यह एक अच्छा विचार है क्योंकि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को देखने और उसके बारे में जानने का मौका मिलेगा. शर्मा ने आगे कहा कि इससे अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के लिए उनकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी.

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