भारत के खिलाफ बांग्लादेश के तेवर नहीं हो रहे कम, अब अमित शाह के बयान पर ऐतराज जताया

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश के तेवर कम नहीं हो रहे हैं. पहले बांग्लादेश ने राष्ट्रगान को लेकर भारत पर आरोप लगाया, जिसके बाद अब बांग्लादेश ने गृह मंत्री अमित शाह के दिए गए बयान पर नाराजगी जताई है. अमित शाह ने शुक्रवार को झारखंड दौरे के दौरान बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर एक बयान दिया था, जिस पर अब पड़ोसी देश ने कहा है, बड़े पदों पर काबिज नेताओं को ऐसी बात करना शोभा नहीं देता.
अमित शाह ने झारखंड में एक रैली के दौरान कहा था, रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुन कर झारखंड के बाहर फेंकने का काम भारतीय जनता पार्टी करेगी. अब उनके इसी बयान को लेकर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जाहिर की है.
बांग्लादेश ने क्या कहा?
बांग्लादेश ने अमित शाह के बयान पर नाराजगी जताते हुए 23 सितंबर को भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर को ढाका में एक पत्र सौंपा. इस पत्र में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अमित शाह के बयान के खिलाफ विरोध दर्ज किया. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने पत्र में आपत्ति जताई, दुख और नाराजगी जताई. साथ ही उन्होंने भारत सरकार से कहा कि नेताओं को इस तरह की आपत्तिजनक और अस्वीकार्य टिप्पणियां करने से परहेज करने की सलाह दी जाए.
बांग्लादेश ने जताया विरोध
साथ ही मंत्रालय ने कहा, पड़ोसी देश के जिम्मेदार पदों पर काबिज लोगों की तरफ से आने वाली ऐसी टिप्पणियां दो मित्र देशों के बीच आपसी सम्मान और मजबूत रिश्तों को कमजोर करती हैं.
अमित शाह ने क्या बयान दिया था?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के साहिबगंज में विधानसभा चुनाव के चलते शुक्रवार को एक रैली की थी. इसी रैली के दौरान अमित शाह ने कहा, एक बार झारखंड सरकार बदल दीजिए रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुन कर झारखंड के बाहर फेंकने का काम भारतीय जनता पार्टी करेगी. उन्होंने आगे कहा, यह हमारी सभ्यता को नष्ट कर रहे हैं, हमारी संपत्ति को हड़प रहे हैं.
अमित शाह ने कहा, झारखंड के अंदर कोई घुसपैठियों की जगह नहीं. अमित शाह ने रैली में कहा, हमारे झारखंड में जिस तरह से घुसपैठ हो रही है अगर इसी तरह से चला तो 25-30 साल में यह घुसपैठिए यहां बहुमत में आ जाएंगे.
पहले भी लगाया था भारत पर आरोप
पिछले दिनों बांग्लादेश में राष्ट्रगान बदलने की भी मांग उठी थी और इसको लेकर देश ने भारत पर भी आरोप लगाया था. देश के एक पूर्व सैनिक ने कहा था कि राष्ट्रगान, अमार सोनार बांग्ला हम पर भारत ने साल 1971 में थोपा था और यह राष्ट्रगान देश के औपनिवेशिक अतीत को सामने रखता है. इस के बाद बांग्लादेशी सरकार ने राष्ट्रगान बदलने पर साफ इंकार कर दिया था. धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने कहा था, बांग्लादेश भारत के साथ बेहतर रिश्ते बनाए रखना चाहता है.

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