भारत से निकला संविधान बचाओ का नारा कैसे अमेरिका पहुंच गया?

भारत के आम चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा अमेरिका में गूंज रहा है. यूएस प्रेसीडेंट इलेक्शन में भी संविधान और लोकतंत्र बचाओ के नारे गूंज रहे हैं. बाइडेन पीछे हटने के बाद डेमोक्रेट की तरफ से कमान संभालने वाली कमला हैरिस ट्रंप पर सीधे हमलावर हैं. मिल्वौकी के एक उपनगर में स्थित एक हाईस्कूल में एक सभा में उन्होंने एक ट्रंप पर जबरदस्त हमले बोले.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से बाइडेन ने कदम पीछे खींच लिए हैं. डेमोक्रेट की ओर से अब कमला हैरिस को आगे किया गया है, हालांकि उनकी उम्मीदवारी पर मुहर डेमोक्रेट नेशनल कन्वेंशन में लगेगी. इससे पहले कमला हैरिस ने ट्रंप के खिलाफ अपनी पहली ही रैली में आक्रामक रुख अपनाया और ट्रंप को एक दोषी अपराधी के तौर पर चुनाव में चित्रित किया. कमला हैरिस ने कहा कि हमारी लड़ाई लोकतंत्र बचाने की है. ट्रंप अगर सत्ता में आए तो इसे तबाह कर देंगे. ट्रंप में भी इसका जवाब दिया है और कहा है कि कमला हैरिस जिसे छूती हैं उसे बर्बाद कर देती हैं.
कमला हैरिस ने क्या कहा?
अपने पहले ही भाषण में कमला हैरिस ने अमेरिकी चुनाव के प्रमुख मुद्दों को उठाया. उन्होंने बंदूक नियंत्रण और गर्भपात मुद्दों का जिक्र कर गरीबी, संघ अधिकारी, स्वास्थ्य सेवाओं समेत अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बताया. उन्होंने ट्रंप पर हमलावर होते हुए कहा कि हम एक स्वतंत्र, करूणा और कानून के शासन में रहना चाहते हैं या अराजकता भय और नफरत वाले देश में. यदि ट्रंप चुनाव जीत गए तो संविधान खत्म कर देंगे. कमला हैरिस ने कहा कि हमारी लड़ाई भविष्य ओर आजादी की है. हमें किसी भी हालत में ट्रंप को रोकना होगा. ट्रंप हमारे देश को उस दौर में ही वापस पहुंचाना चाहते हैं जब अमेरिकी पूर्ण तौर पर स्वतंत्र नहीं थे.
भारत में मुद्दा बना था संविधान
भारत में हाल ही में संपन्न आम चुनाव में संविधान बड़ा मुद्दा बना था. इंडिया गठबंधन ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर रहे थे. विपक्षी नेताओं द्वारा लगातार रैलियों में यह कहा गया था कि भाजपा को आरक्षण और संविधान खत्म करने का सपना छोड़ देना चाहिए. भाजपा की ओर से इस मुद्दे को काउंटर करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी. चुनाव में इसका नुकसान भी उठाना पड़ा था.
अमेरिका कैसे पहुंचा ये मुद्दा
भारत के आम चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर थी. यहां संविधान बचाओ का मुद्दा गूंजा और उससे विपक्ष को कुछ हद तक फायदा भी मिला. माना जा रहा है कि कमला हैरिस अमेरिका में यही करने की कोशिश कर रही हैं. दरअसल प्रेसीडेंशियल बहस में ट्रंप से पिछड़ने के बाद डेमोक्रेट के चुनाव अभियान को झटका लगा है. पार्टी के दबाव में बाइडेन उम्मीदवारी से हट गए हैं और कमान कमला हैरिस ने संभाल ली हैं. हालांकि अब तक सर्वेक्षणों में उन्हें ट्रंप से कम आंका जा रहा है. ऐसे में कमला हैरिस को एक बूस्टर की जरूरत है. माना जा रहा है कि संविधान का जिक्र कर कमला हैरिस वही बूस्टर पाने का प्रयास कर रही हैं.
ट्रंप ने कहा मैंने देश के लिए गोली खाई है
कमला हैरिस के आरोपों पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मैंने देश के लिए गोली खाई है. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट किया है, जिसमें कमला हैरिस को सबसे अलोकप्रिय उप राष्ट्रपति बताया है. उन्होंने कहा कि वह एक वामपंथी महिला हैं. देश नहंी चाहता कि कोई कट्टरपंथी वामपंथी महिला इसे नष्ट कर दे. ट्रम्प ने यह भी कहा कि वह सितम्बर में कमला हैरिस के साथ बहस करने के लिए तैयार हैं.

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