भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग में हुई बढ़ोतरी, टूट गया 1945 का रिकॉर्ड

देश के विभिन्न हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से बिजली की अधिकतम मांग 30 मई को रिकॉर्ड 250 गीगावाट पर पहुंच गई है. बिजली मंत्रालय ने यह जानकारी दी. गर्मी से राहत के लिए घरों एवं दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर का इस्तेमाल बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ रही है. बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बिजली की अधिकतम मांग या दिन में सबसे अधिक आपूर्ति बृहस्पतिवार को 250 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) रही, जो अभी तक का सर्वाधिक आंकड़ा है.
इससे पहले बुधवार को बिजली की अधिकतम मांग इस सत्र में 246 गीगावाट के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी. मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार देश भर में गैर-सौर ऊर्जा की मांग भी 29 मई को 234.3 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई. यह मांग भीषण गर्मी, बढ़ती औद्योगिक और आवासीय बिजली खपत के संयुक्त प्रभाव को दर्शाती है.
टूट गया पूराना रिकॉर्ड
बृहस्पतिवार को उत्तरी क्षेत्र ने भी 86.7 गीगावाट की मांग पूरी की, जो रिकॉर्ड स्तर पर है. वहीं पश्चिमी क्षेत्र ने 74.8 गीगावाट की अपनी अधिकतम मांग को छुआ. अबतक की सर्वाधिक बिजली खपत रिकॉर्ड सितंबर, 2023 में 243.27 गीगावाट का था. बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 23 मई को अधिकतम मांग 236.59 गीगावाट थी, जबकि 22 मई को यह 235.06 गीगावाट थी.
दिल्ली में बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिन में बाद में हल्की बारिश और धूल भरी आंधी का अनुमान जताया है. दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में बुधवार को अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 79 वर्षों में सबसे अधिक है.
गर्मी ने दिलाई 1945 की याद
इससे पहले यह 17 जून, 1945 को 46.7 डिग्री सेल्सियस था. बिजली मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में मई के लिए दिन के समय 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट की बिजली मांग रहने का अनुमान जताया था. वहीं, जून के महीने में बिजली की खपत दिन में 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट रहने का अनुमान है.
मंत्रालय ने इस साल गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान जताया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस साल मार्च में अनुमान जताया था कि भारत में इस साल अधिक गर्मी और अधिक लू वाले दिन देखने को मिलेंगे. इसके लिए जिम्मेदार अल नीनो की स्थिति मई आखिरी तक जारी रहने का अनुमान जताया गया था.

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