भूकंप से कांपा जापान, डर है अब जाएगी 3.20 लाख लोगों की जान, हो सकता है 126 लाख करोड़ का नुकसान
जापान के पश्चिमी तट पर पिछले हफ्ते आए भूकंप से मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 126 हो गई. जिसके बाद जापान को लेकर वहां के वैज्ञानिकों ने भयावह चेतावनी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि जापान में इस भूकंप के आने के बाद सुनामी या मेगाक्वेक आने का अंदेशा है. इससे करीब 3.20 लाख लोगों की जान जाने का डर है. इतना ही नहीं ये इकोनॉमी को 126 लाख करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा सकता है. जापान के अधिकारियों ने इसको लेकर चेतावनी भी जारी की है. अगर आपको भी यकीन नहीं हो रहा तो आइये बताते हैं क्या कहते हैं जापान के अधिकारी…
जापान मौसम विभाग एजेंसी (JMA) के मुताबिक, पिछले हफ्ते आए भूकंप से भविष्य में इससे भी बड़े भूकंप के आने की संभावना बढ़ गई है. यह चेतावनी 2011 के बड़े भूकंप के बाद बनाए गए एक नए सिस्टम के तहत दी गई है. इससे पहले मार्च 2011 में जापान में अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप आया था, जिसमें 16 हजार लोगों की मौत हो गई थी. नानकाई ट्रफ़ भूकंप आने का जोखिम बहस का मुद्दा है. जब जापान में खतरनाक भूकंपों की बात आती है, तो 2011 में आया 9 रिक्टर स्केल का भूकंप सबसे बड़ा भूकंप माना जाता है. लेकिन इससे भी बड़े भूकंप के आने से देश के अधिकांश हिस्से में इतनी तीव्रता से कंपन महसूस होगा जितना यहां कभी किसी भूकंप में नहीं हुआ होगा. 10 मीटर या उससे अधिक की सुनामी लहरें कुछ ही मिनटों में आ सकती हैं. सरकारी मॉडलिंग ने मृतकों की संख्या 320,000 तक बताई है, हालांकि हाल के अनुमानों से इस संख्या में लगभग 30% की कमी आई है.
126 लाख करोड़ का
इसके अलावा नुक्सान की बात करें तो भूकंप से लगभग 220 ट्रिलियन येन (126 लाख करोड़) का नुकसान होने के साथ, देश की GDP पर 11% की मार पड़ सकती है. जापान सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स के एक अनुमान के अनुसार 20 वर्षों में कुल आर्थिक प्रभाव लगभग छह गुना होगा. लगभग 10% आबादी को खाली करना पड़ सकता है. पिछले सबसे बड़े भूकंप जो साल 2011 में आया था उसमे 30 लाख करोड़ का नुकसान जापान को हुआ था.
2011 में कितना हुआ था नुकसान
11 मार्च, 2011 को जापान में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसे ग्रेट ईस्ट जापान भूकंप के नाम से जाना जाता है. इस भूकंप के बाद आई सुनामी और परमाणु आपदा में करीब 20,000 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा, 2,500 से ज़्यादा लोग लापता हैं और 6,000 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. इस भूकंप से 123,000 से ज़्यादा घर नष्ट हो गए और करीब 10 लाख घरों को नुकसान पहुंचा. सुनामी की वजह से 70 फ़ीसदी इलाके पानी में डूब गए थे. सुनामी की लहरों की वजह से हुए शॉर्ट सर्किट ने भी हालात और खराब कर दिए थे. सुनामी की तेज लहरें फ़ुकुशिमा दाइची परमाणु बिजली संयंत्र में भी घुस गई थीं. इस वजह से परमाणु संयंत्र में समुद्र का खारा पानी घुसने से रिएक्टर पिघलने लगे और धमाके शुरू हो गए. इस संयंत्र से भारी मात्रा में रेडियोधर्मी तत्व लीक हुए जिससे परमाणु विकिरण होने लगा. इस घटना के बाद जापान ने अपने सभी परमाणु बिजली घर तीन साल के लिए बंद कर दिए थे. वहीं, जापान में साल 2011 में आए भूकंप से 200 से 360 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचा था. भारतीय रुपये में देखें तो ये 30 लाख करोड़ होते हैं.