मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए AIIMS ने तैयार की एसओपी, ऐसे होगा इलाज

अफ्रीका के बाद दुनिना के कई अन्य देशों में भी मंकीपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं. पाकिस्तान में भी इस वायरस के केस आए हैं. ऐसे में भारत में भी रिस्क है. मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट पर है. दिल्ली के आरएमएल, लेडी हार्डिंग और सफदरजंग अस्पताल को मंकीपॉक्स मरीजों के इलाज के लिए नोडल हॉस्पिटल बनाया गया है. दिल्ली एम्स में भी मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए एसओडी तैयार किया है.
एम्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, जिस मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखेंगे उसको आइसोलेट किया जाएगा. देखा जाएगा की मरीज कोबुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ठंड लगना, थकावट, और विशेष त्वचा के घाव (मैकुलोपापुलर दाने जो फुंसियों में बदल सकते हैं) ऐसे कोई लक्षण तो नहीं है. अगर मरीज में ये लक्षण दिखते हैं तो उसकी मंकीपॉक्स की जांच की जाएगी.
इस दौरान मरीज को विशेष वार्ड में भर्ती किया जाएगा. इसके लिए एम्स में एबी-7 बेड नं. 33, 34, 35, 36 और 37 को मंकी पॉक्स मरीजों के लिए रिजर्व रखा गया है. ये बेड आपातकालीन सीएमओ की सिफारिश पर मंकी पॉक्स रोगियों को आवंटित किए जाएंगे और मेडिसिन विभाग द्वारा इलाज किया जाएगा. एबी-7 मरीज के लिए एक अस्थायी वार्ड रहेगा जब तक कि उसे दूसरे अस्पताल रेफर नहीं किया जाता.
एम्सपॉक्स के लिए सफदरजंग नोडल अस्पताल
मंकी पॉक्स के संदेह वाले किसी भी मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर आगे के इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भेजा जाएगा. मरीजों को सफदरजंग अस्पताल में लाने के लिए विशेष एंबुलेंस होगी. सफदरजंग अस्पताल में मंकीपॉक्स के मरीज का इलाज होगा.संदिग्ध मामलों से निपटने के दौरान कर्मचारियों को (पीपीई) कीट का उपयोग करने की सलाह दी गई है. इस दौरान विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है.
बढ़ रहा मंकीपॉक्स का खतरा
मंकीपॉक्स के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके सबसे ज्यादा केस दक्षिण अफ्रीक में आए हैं. वहां अबतक करीब 40 हजार केस आ चुके हैं और 500 से अधिक मरीजों की मौत हो गई है. अफ्रीका के अलावा स्वीडन और पाकिस्तान में भी केस रिपोर्ट किए गए हैं. कुछ दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है.

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