मंकीपॉक्स वायरस को लेकर सरकार सतर्क, जेपी नड्डा ने समीक्षा के लिए बुलाई बड़ी बैठक

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसी साल 14 अगस्त के दिन मंकीपॉक्स वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया. इसको देखते हुए शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने एक बैठक बुलाई. इसमें मंकीपॉक्स की स्थिति और तैयारियों की बढ़िया तरीके से समीक्षा की. इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहें. भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई भी मामला सामने नहीं आया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ये फैसला लिया गया कि ज्यादा सावधानी के तौर पर कुछ सरकार कुछ फैसले लेगी. सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों और ग्राउंड क्रॉसिंग पर स्वास्थ्य की इकाइयों को और संवेदनशील बनाएगी. इसके साथ ही परीक्षण प्रयोगशालाओं को तैयार किया जाएगा. इनमें किसी भी मामले का पता लगाने के लिए और उसका प्रबंधन करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं तैयार की जा रहीं हैं.
ऐसे फैल सकता है वायरस
नड्डा की बैठक में ये भी नोट किया गया कि मंकीपॉक्स वायरस आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह के बीच अपने आप सीमित हो जाता है. इसमें रोगी आमतौर पर सहायक के साथ ही ठीक हो जाते हैं. इसके फैलने के लिए संक्रमित मामले के साथ लंबे समय तक पास में रहने की जरुरत होती है. ये आम तौर पर यौन संबंध, शरीर में घाव से, और संक्रमित व्यक्ति के पहने हुए कपड़ों के सीधे संपर्क के आने से होता है.
संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत भी पड़ सकती है. लक्षणों के आधार पर मरीज का इलाज किया जाता है. इस बीमारी का कोई टीका या निर्धारित दवा नहीं है. इसलिए मरीज में जैसे लक्षण होते हैं, उनको कंट्रोल करने के लिए वैसा ही ट्रीटमेंट दिया जाता है.
दो साल में इतने मामले पाए गए
WHO ने पहले जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स को मंकीपॉक्स वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. हालांकि बाद में मई 2023 में इसे रद्द कर दिया था. वैश्विक स्तर पर 2022 से WHO ने 116 देशों में मंकीपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की हैं. WHO ने 2022 की घोषणा के बाद से मार्च 2024 में आखिरी मामले के साथ भारत में कुल 30 मामले पाए गए हैं.
बड़े स्तर पर सरकार की बैठक जारी
वायरस की स्थिति की समीक्षा के लिए 16 अगस्त को भी एक बैठक की गई. ये बैठक स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में की गई. बैठक में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के कई विशेषज्ञों ने भाग लिया.
हालांकि आने वाले हफ्तों में कुछ मामलों का पता चलने की संभावना लगाई जा रही है. बैठक में भी इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है. लेकिन ये आकलन जरूर किया गया था कि इस वायरस को बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा है. इस मामले पर मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *