मंकी पॉक्स को लेकर बड़ी बैठक, PM के प्रधान सचिव बोले- स्थिति पर प्रधानमंत्री की नजर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से मंकी पॉक्स (एम पॉक्स) को लेकर आपात स्थिति घोषित करने के बाद रविवार को एक हाई लेवल बैठक हुई. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सचिव पी के मिश्रा की अगुवाई में हुई. बैठक में मंकी पॉक्स को लेकर भारत में चल रही तैयारी की स्थिति और अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मंकी पॉक्स की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.
बैठक के बाद पीके मिश्रा ने कहा कि देश में मंकी पॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है. मौजूदा मूल्यांकन के आधार पर इसका व्यापक स्तर पर फैलने का जोखिम कम है. बैठक में मंकी पॉक्स के मामलों की जल्द से जल्द पता लगाने के लिए निगरानी की सलाह दी गई है. इसके साथ-साथ टेस्टिंग लैब को तैयार स्थिति में रहने के लिए कहा गया है. बीमारी के खिलाफ निवारक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
अफ्रीका में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए 14 अगस्त 2024 को फिर से एम पॉक्स पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (पीएचईआईसी) घोषित कर दिया है. मध्य और पूर्वी अफ्रीका में संक्रामक एम पॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं, अफ्रीका से बाहर एम पॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया है. इसके मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित कर दिया है.
प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव को बताया गया कि एम पॉक्स संक्रमण आम तौर पर 2-4 सप्ताह के बीच स्व-सीमित होता है. एम पॉक्स के मरीज आमतौर पर सहायक चिकित्सा देखभाल और प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं. एम पॉक्स का फैलाव संक्रमित रोगी के साथ लंबे समय तक और निकट संपर्क से होता है.
पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा मामले आए
डब्ल्यूएचओ के पहले के एक बयान के अनुसार, 2022 से वैश्विक स्तर पर 116 देशों में मंकी पॉक्स के कारण 99176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई हैं. इसके बाद डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एम पॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले साल, रिपोर्ट किए गए मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई. इस साल अब तक दर्ज किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है. जिसमें 15600 से अधिक मामले और 537 मौतें शामिल हैं.
भारत में कब आया था आखिरी मामला?
WHO की ओर से 2022 में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की अंतर्राष्ट्रीय चिंता की घोषणा के बाद से, भारत में 30 मामले सामने आए. आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था. माना जा रहा है कि मंकी पॉक्स रोगी के शरीर या फिर घाव वाले तरल पदार्थ के सीधे संपर्क या किसी संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों-लिनन के माध्यम से फैलता है.

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