मणिपुर में ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमले, अब मिले रॉकेट के टुकड़े

मणिपुर में ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमले के मामले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. हाल ही में हुए इस हमले के बाद से लगातार टीमें जांच में जुटी हैं. इसी बीच पुलिस को हाई-टेक रॉकेट के कुछ टुकड़े बरामद हुए हैं. हालांकि इससे मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के रिटायर्ड महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी.सी. नायर का वो दावा गलत निकल गया, जो उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि हमलों में किसी ड्रोन या रॉकेट का इस्तेमाल नहीं किया गया.
पुलिस महानिरीक्षक के. जयंत सिंह ने पत्रकारों से कहा, ये बयान अपरिपक्व है और ऐसा लगता है कि ये बयान किसी बल (असम राइफल्स) का नहीं बल्कि उनका निजी विचार है. हम इसे पूरी तरह से खारिज करते हैं. ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमलों के सबूत हैं. ड्रोन बरामद किए गए हैं. नागरिक क्षेत्रों पर दागे गए ये हाई-टेक रॉकेटों के टुकड़े बरामद किए गए हैं. ऐसे सबूतों के बावजूद, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिष्ठित कमांडर से इस तरह का बयान आया.
नायर के आरोपों का पुलिस ने दिया जवाब
नायर ने मणिपुर पुलिस पर आरोप लगाते हुए मेइती पुलिस भी कहा था. ये जातीय संघर्ष में उनकी कथित पक्षपातपूर्ण भूमिका का संकेत था. इस पर पुलिस महानिरीक्षक आई. के. मुइवा ने कहा, हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यहां कोई मेइती पुलिस या कुकी पुलिस नहीं है बल्कि मणिपुर पुलिस है. मणिपुर पुलिस में नगा, मेइती, मणिपुरी मुस्लिम और गैर-मणिपुरी सहित विभिन्न समुदाय शामिल हैं. इस बल में ईसाई, मुस्लिम और हिंदू भी हैं
सोशल मीडिया पर निगरानी
तंगखुल नगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मुइवा ने कहा, यह बयान कि मणिपुर पुलिस मेइती पुलिस है, एक छोटी मानसिकता को दर्शाता है. इसके साथ ही ड्रोन हमलों पर उन्होंने कहा, हमने ड्रोन बम हमलों के संबंध में आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर जानकारी साझा की है और हम इस पर कायम हैं. राज्य में जारी छात्रों के विरोध-प्रदर्शन पर पुलिस अधिकारी ने कहा, रैली और धरना लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक अंग हैं. हम छात्रों से अपील करते हैं कि वे हिंसा में शामिल न हों. कुछ स्वार्थी समूह हिंसा भड़का रहे हैं. इसलिए हम सोशल मीडिया मंचों पर नजर रख रहे हैं
हिंसा भड़काने वालों पर होगी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काने वालों और छेड़छाड़ की गई तस्वीरों के साथ झूठे संदेश फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए फोटोज के स्क्रीनशॉट लिए जा रहे हैं. जयंत सिंह ने कहा, संकट अब बहुत गंभीर है. अब समय आ गया है कि सीमांत क्षेत्रों में किसी भी हमले से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की सहायता ली जाए. छात्रों के मौजूदा आंदोलन ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती पर मजबूर कर दिया है
उन्होंने दावा किया कि ऐसे कठिन समय में, जब सीमावाले क्षेत्रों में हमलों से जान-माल की रक्षा के लिए सुरक्षा बलों की आवश्यक्ता होती है, उपद्रवी और असामाजिक तत्व सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आंदोलन को अवसर के तौर पर ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार को थौबल में प्रदर्शनकारियों द्वारा चलाई गई गोली से एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *