ममता कल फिर दिखाएंगी अपनी ताकत, कोलकाता में शहीद सभा में शामिल होंगे अखिलेश यादव

लोकसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी रविवार को फिर अपनी ताकत दिखाएंगी. 21 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस हर साल शहीद दिवस का पालन करती है. कोलकाता के विक्टोरिया हाउस के सामने आयोजित सभा में इस साल समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी शामिल होंगे. लोकसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस की यह कोलकाता में होने वाली पहली बड़ी रैली है. इस रैली से ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत करेंगी और केंद्र सरकार पर हमला बोलेंगे.
ममता बनर्जी ने शनिवार को वार्षिक बैठक की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम स्थल का दौरा किया. ममता बनर्जी ने कहा, ”हम 21 जुलाई से हर चुनाव जीतने के लिए मां, माटी और मानुष को धन्यवाद देती हूं. इस दिन को हम मां, माटी, मानुष दिवस के रूप में भी मनाते हैं.
उन्होंने कहा कि 21 जुलाई कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. इसमें राज्य और देश के अस्तित्व का सवाल शामिल है. यह राज्य की महिलाओं के अस्तित्व का सवाल है.
ममता की सभा में शामिल होंगे अखिलेश
ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि अगर मौसम अच्छा रहा तो समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव रविवार को सभा में आएंगे. ममता ने कहा कि इसके अलावा, समाज के विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां भी हर बार की तरह इस बार भी मंच पर होंगी. मुख्यमंत्री शनिवार शाम करीब साढ़े छह बजे विक्टोरिया हाउस के सामने पहुंचीं. वह कुल मिलाकर 35 मिनट से अधिक समय तक वहां रहीं.
तृणमूल कांग्रेस बार-बार कह रही है कि एनडीए सरकार पिछली बार जितनी मजबूत नहीं है. तृणमूल का दावा है कि इंडिया गठबंधन तस्वीर बदल सकता है. 21 जुलाई के मंच से अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी को अपने साथ रखकर ममता बनर्जी इस बारे में कोई संदेश देंगी या नहीं. इस पर सभी की नजर रहेगी.
वहीं, दूर-दराज के जिलों से आ रहे कार्यकर्ताओं को ममता ने संदेश दिया कि सावधानीपूर्वक आएं. देखें कि किसी को कोई ख़तरा न हो.
ममता 21 जुलाई को क्यों करती हैं सभा?
बता दें कि 21 जुलाई 1993 को, जब ममता बनर्जी युवा कांग्रेस अध्यक्ष थीं, तब उन्होंने फोटो पहचान पत्र की मांग के लिए राइटर्स अभियान का आह्वान किया था. वहां पुलिस फायरिंग में युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ता मारे गये थे. तब से तृणमूल के गठन के बाद से वर्षों से ममता बनर्जी इस दिवस को शहीद दिवस के रूप में मना रही हैं.

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