ममता की डेडलाइन से पहले हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, कोलकाता में डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच करेगी CBI

पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की रेप और हत्या मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने घटना की जांच कर रही पुलिस से तत्काल सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को आदेश दिया है. डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को सही ठहराते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर पुलिस रविवार तक घटना सुलझाने में सफल नहीं होती तो फिर वो केस की जांच सीबीआई को सौंप देंगी.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को उत्तर 24 परगना में पीड़िता के घर के बाहर कहा था कि यह एक दुखद घटना है और तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट भी तुरंत स्थापित किया जाना चाहिए. वहां नर्स और अन्य सुरक्षाकर्मी भी ड्युटी पर तैनात थे.मैं अभी भी यह समझने में असमर्थ हूं कि यह घटना कैसे हुई. पुलिस ने मुझे बताया है कि(अस्पताल के अंदर) कोई था.
इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात थी जूनियर डॉक्टर
कोलकाता के आरजीकर मेडकिल कॉलेज में शुक्रवार की रात इमरजेंसी ने ड्यूटी कर रही जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई. घटना के बाद से बंगाल के साथ-साथ पूरे देश में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन करे लगे हैं. आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर भी बड़ी संख्या में मेडिकल के के छात्र और डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं.
अभी तक केवल एक आरोपी की गिरफ्तारी
छात्रा के साथ जघन्य अपराध के बाद एफएआईएमएस ने इस बात की मांग की है कि सबसे पहले जल्द से जल्द मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया जाए. इसके साथ-साथ सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग भी की गई है. मामले की जांच कर रही पुलिस ने अभी तक केवल एक आरोपी को गिरफ्तार की है.
माना जा रहा है कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है उसमें अकेला शख्स शामिल नहीं हो सकता है. ऐसे में प्रदर्शनकारी डॉक्टर बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना था कि पुलिस घटना में शामिल बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने में अभी तक असफल रही है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिल सकता है आईएमए
इस मामले को लेकर IMA के डॉक्टरों का एक ग्रुप आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा से दोपहर 2:30 बजे मुलाकात कर सकता है. एक दिन पहले ही IMA ने जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें मुलाकात के लिए समय मांगा गया था. चिट्ठी में आईएमए ने हड़ताल पर गए डॉक्टर को समर्थन की बात कही थी और डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाते हुए सरकार से कड़ा कदम उठाने की मांग की.

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