मराठा-OBC आरक्षण विवाद में कूदे ओवैसी, रिजर्वेशन को लेकर की ये बड़ी मांग

महाराष्ट्र में मराठा और ओबीसी विवाद फिर से जोर पकड़ने लगा है. लोकसभा चुनाव के दौरान यह विवाद कुछ थम गया था, लेकिन फिर से इसे लेकर हलचल शुरू हो गयी है. इस बीच आरक्षण को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है और सरकार को ओबीसी आरक्षण की सीमा 50 फीसदी समाप्त करने की मांग की है.
बता दें कि मराठवाड़ा के जालना में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा नेता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का ऐलान किया था, हालांकि बाद में उन्होंने इस वापस ले लिया. दूसरी ओर, पिछले दस दिनों से चल रही ओबीसी नेता प्रोफेसर लक्ष्मण हेक और वाघमारे की भूख हड़ताल आज सरकार के आदेश के बाद खत्म हो गई है. महाराष्ट्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि अध्यादेश तुरंत लागू नहीं किया जाएगा.
असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कहा है कि चुनाव के दौरान मोदी ने कहा था कि ओबीसी, एससी, एसटी समुदाय के आरक्षण को मुसलमानों से खतरा है. आरक्षण ने ओबीसी और मराठा समुदायों के बीच तनाव पैदा कर दिया है.
ओबैसी ने सरकार से की ये मांग

चुनाव के दौरान मोदी कहते थे कि OBC, SC, ST समाज के आरक्षण को मुसलमानों से ख़तरा है। OBC और मराठा समाज के बीच, आरक्षण को लेकर आज तनाव बन चुका है क्योंकि आरक्षण की सीमा 50% तक सीमित कर दी गई है। भारत के अल्पसंख्यक, पिछड़ों, अतिपिछड़ों को सूखी रोटी के लिए लड़ाया जा रहा है और मलाई
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 22, 2024

उन्होंने लिखा कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक सीमित कर दी गई है. भारत के अल्पसंख्यक, पिछड़ों, अतिपिछड़ों को सूखी रोटी के लिए लड़ाया जा रहा है और मलाई कोई और खा रहा है. संसद के आगामी सत्र में सरकार को एक विशेष कानून पारित कर इस 50 प्रतिशत की सीमा को हटा देना चाहिए.
इस बीच, बिहार में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के फैसले को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.
जरांगे ने फिर शुरू किया आंदोलन
इसके बाद महाराष्ट्र में मराठा और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है. ओबीसी ने मराठों को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने का विरोध किया है. पिछले दस दिनों से मराठवाड़ा में ओबीसी नेता प्रो लक्ष्मण हेक और नवनाथ वाघमारे की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल आखिरकार राज्य सरकार की कार्यकारी समिति के हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गई है.
हालांकि, मराठा समुदाय के नेता मनोज जरांगे ने अध्यादेश को लागू नहीं करने के सरकार के फैसले का विरोध किया है. मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि सरकार में 8 से 9 मराठा विरोधी हैं और मैं जल्द ही उनके नामों का खुलासा करूंगा.
बता दें कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांग ने मराठवाड़ा इलाके में लगातार जनसंपर्क अभियान शुरू करने का ऐलान किया है. जरांगे राज्य के विभिन्न शहरों में मराठा आरक्षण के समर्थन में रैली और सभा करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो वह विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेंगे और संवैधानिक तरीके से लड़कर आरक्षण लेंगे.

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