महिलाओं में मिसकैरेज का खतरा बढ़ा देती हैं सेहत से जुड़ी ये गलतियां, ऐसे करें बचाव
मां बनना हर महिला के लिए सबसे खास अहसास है लेकिन आज की तारीख में हर कोई एक या दो बच्चे ही चाहता है. लेकिन करियर बनाने के लिए लेट मैरिज और लेट बेबी प्लानिंग आम होते जा रहे हैं ऐसे में महिलाएं जब काफी अधिक उम्र की हो जाती हैं तब बच्चा प्लान करती हैं जिससे पहले के मुकाबले अब महिलाओं में काफी ज्यादा गर्भपात यानी कि मिसकैरेज के मामले देखे जा रहे हैं. इसके अलावा ऐसे कई कारण हैं जिससे महिलाओं में मिसकैरेज का खतरा बढ़ रहा है.
देर से बच्चा पैदा करना
गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर नूपुर गुप्ता बताती हैं कि बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में कई समस्याएं पैदा होनी शुरू हो जाती हैं, जिनमें से एक है बच्चेदानी में कम अंडे बनना और खराब क्वालिटी के अंडे बनना. जब आप 30-35 की उम्र के बाद बच्चा करने की सोचते हैं तब आपको बच्चा पैदा करने में कई समस्याएं आती हैं, जिसमें से एक बेहद कॉमन है कंसीव करने में परेशानी आना और अगर कंसीव हो जाए तो मिसकैरेज की समस्या देखी जाती है. इसलिए 25 से 30 साल की उम्र बच्चे पैदा करने के लिए सबसे सही उम्र मानी जाती है. जब आपके अंडों की क्वालिटी अच्छी होती है.
धूम्रपान और शराब का सेवन
आजकल मॉडर्न होते समाज में महिलाओं में धूम्रपान और शराब का चलन बेहद ज्यादा बढ़ गया है. जिससे महिलाओं के अंडों की क्वालिटी पर खराब असर पड़ता है और ऐसी महिलाओं को बच्चा कंसीव करने में परेशानी आती है और इनमें मिसकैरेज के मामले भी ज्यादा देखे जाते हैं.
ज्यादा हील पहनना
हालांकि हील से प्रेगनेंसी का सीधा कोई कनेक्शन नहीं है लेकिन कई मामलों में देखा गया है कि शुरूआती महीनों में कई महिलाएं हील की वजह से डिसबैलेंस होकर गिर जाती हैं जिससे मिसकैरेज हो जाता है. इसलिए शुरुआती महीनों में इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि ज्यादा हील न पहनें जिससे बैलेंस बिगड़ने, न ही गीली जगह पर फिसले, सीढ़ियों का कम इस्तेमाल करें और ज्यादा देर न खड़ी रहें.
हार्मोनल समस्याएं
कई हार्मोनल समस्याएं भी मिसकैरेज का खतरा बढ़ाती हैं. कई तरह के हार्मोन भी प्रेगनेंसी को प्रभावित करते हैं इसलिए प्रेगनेंसी प्लान करने से पूर्व ही डॉक्टर से मिलें और सभी जरूरी टेस्ट जरूर करवाएं.
कई अनावश्यक दवाएं
कई प्रकार की दवाओं का सेवन भी गर्भपात की वजह बन सकता है इसलिए प्रेगनेंसी शुरू होने के बाद बिना अपने डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न खाएं. इससे भी गर्भपात का खतरा बढ़ता है.
डायबिटीज की समस्या
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डायबिटीज की वजह से भी गर्भपात हो सकता है इसलिए डायबिटीज को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है इसलिए समय पर डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाईयां लें और अनावश्यक दवाइयों के इस्तेमाल से बचें.