मानसून के फुहारों के बीच नेशनल पार्क में बाघ की मस्ती देखी क्या?
भारत के हर राज्य में एक से ज्यादा नेशनल पार्क बने हुए हैं जिनमें से अधिकतर टाइगर के लिए फेमस हैं. हर एक नेशनल पार्क की भौगोलिक स्थिति एक दूसरे से अलग है, इसलिए हर नेशनल पार्क में मानसून की बारिश का असर भी अलग-अलग देखने को मिलता है. खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेशनल पार्क को मानसून में देखने का एक अलग ही रोमांच होता है.
मध्य भारत के कई नेशनल पार्क बारिश को देखते हुए खुलते बंद होते रहते हैं. इसका असर आने वाले पर्यटकों की संख्या पर पड़ता है क्योंकि अधिकतर पर्यटकों को मालूम ही नहीं होता कि कौन सा नेशनल पार्क खुला है और कौन सा बंद. पर्यटकों के कम दबाव के चलते सरकार को नेशनल पार्कों की एंट्री फीस में कमी करनी पड़ती है जिसका फायदा पर्यटकों को मिलता है.
भारत में कई राज्यों में नेशनल पार्क बने हुए हैं जो टाइगर यानि बाघ के लिए मशहूर हैं, जिनका नाम ही सुनकर देश-विदेश के पर्यटक खींचे चले आते हैं. पिछले कुछ सालों में जंगल में टाइगर को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने के मिली है. यही कारण है कि हर राज्य की सरकार के साथ-साथ भारत सरकार ने इन नेशनल पार्कों के विकास और पर्यटकों की सुविधा के लिए अच्छी व्यवस्था की हुई है.
आज भारत में टाइगर की संख्या लगभग 4000 है जो अलग-अलग नेशनल पार्कों को अपना इलाका बना कर खुले में घूमते हैं. आज भारत में पूरी दुनिया के लगभग 70 फीसदी तक टाइगर हैं, जो देश के अलग-अलग राज्यों के 63 नेशनल पार्कों में रहते हैं. ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की एक रिपोर्ट के अनुसार देश भर में टाइगरों के रहने के लिए 100 से अधिक नेशनल पार्क और लगभग 500 वन्यजीव अभयारण्य बने हुए हैं.
टाइगर नेशनल पार्क के बारे में रोचक तथ्य
1. पूरी दुनिया के लगभग 80 फीसदी टाइगर भारत में पाए जाते हैं, जिनकी संख्या लगभग 4000 हजार है.
2. भारत सरकार के ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के शुरू होने के बाद टाइगर की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई.
3. ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के शुरू होने पर नेशनल पार्कों की संख्या 9 से बढ़कर 50 तक पहुंच चुकी है.
4. भारत का बंगाल टाइगर दुनिया भर में अपनी धमाकेदार दहाड़ के लिए मशहूर है, ये दहाड़ लगभग 3 किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती है.
5. टाइगर की सबसे अधिक संख्या के मामले में मध्य प्रदेश कई सालों तक नंबर एक पर रह चुका है.
6. देश में इस समय सबसे अधिक टाइगर पश्चिम बंगाल से सुंदरबन नेशनल पार्क में मौजूद हैं.
7. भारत की शान बंगाल टाइगर पश्चिम बंगाल के अलावा कई प्रदेशों के नेशनल पार्क में आसानी से देखा जा सकता है.
8. टाइगर के संरक्षण के लिए भारत में तीन बायोस्फीयर नेशनल पार्क बनाए गए हैं जिनमें से असम का मानस नेशनल पार्क, पश्चिम बंगाल का सुंदरबन और ओडिशा में मौजूद सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान हैं.
9. असम का मानस टाइगर रिजर्व पार्क भारत में बना एक मात्र नेशनल पार्क है जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर की उपाधि से सम्मानित किया है.
10. असम के कांजीरंगा और उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर को देखने के लिए हाथी की सफारी की सुविधा भी मिलती है.
भारत के 11 टाइगर सफारी को टाइगर देखने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. किस नेशनल पार्क में टाइगर की कितनी संख्या है इस पर एक नजर डालते हैं.
रणथंभौर नेशनल पार्क : भारत में टाइगर देखने के लिए ये सबसे अच्छा नेशनल पार्क माना जाता है. रणथंभौर नेशनल पार्क राजस्थान की राजधानी जयपुर से 175, आगरा से लगभग 300, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 370 और कोटा से लगभग 125 किमी दूर है. टाइगर प्रेमियों में रणथंभौर का नेशनल पार्क भारत का सबसे प्रसिद्ध है. इस नेशनल पार्क में लगभग 700 टाइगर रहते हैं. रणथंभौर का खंडहर टाइगरों के आराम करने का सबसे पसंदीदा स्थल है. इस पार्क में पर्यटकों को टाइगर आसानी से दिख जाते हैं.
बांधवगढ़ : मध्य प्रदेश के विंध्य पहाड़ों में बसे उमरिया जिले में मौजूद बांधवगढ़ 1968 में नेशनल पार्क बनाया गया था. इस पार्क का क्षेत्रफल लगभग 105 वर्ग किलोमीटर तक है. आज इस नेशनल पार्क में देश के सबसे ज्यादा 526 बंगाल रॉयल टाइगरों का घर है. मानसून में बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघों को मस्ती करते हुआ आसानी से देखा जा सकता है.
ताडोबा नेशनल पार्क : महाराष्ट्र का सबसे पुराना नेशनल पार्क होने का दर्जा ताडोबा के नेशनल पार्क को मिला हुआ है. इस नेशनल पार्क को 1955 में बनाया गया था. इसका क्षेत्रफल लगभग 1727 वर्ग किमी है. साथ ही महाराष्ट्र के नागपुर से ये सिर्फ 150 किमी की दूरी पर स्थित है. ताडोबा नेशनल पार्क में बाघों की संख्या लगभग 50 है.
कान्हा टाइगर रिजर्व : मध्य प्रदेश की सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है कान्हा नेशनल पार्क. यह नेशनल पार्क 940 वर्ग किमी में फैला हुआ है. इस नेशनल पार्क में लगभग 130 टाइगर रहते हैं.
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की ख्याति पूरी दुनिया में है. देश-विदेश के पर्यटकों के लिए टाइगर देखने के लिए ये सबसे पसंदीदा जगह मानी जाती है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार जिम कॉर्बेट में लगभग 270 टाइगर रहते हैं.
नागरहोल नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व : इस नेशनल पार्क में टाइगर को देखने के साथ-साथ शीशम और चंदन के पेड़ों की खुशबू भी महसूस कर सकते हैं. इस नेशनल पार्क में लगभग 100 बंगाल टाइगर रहते हैं.
बांदीपुर नेशनल पार्क : दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित बांदीपुर नेशनल पार्क में लगभग 150 टाइगर रहते हैं. इस पार्क में टाइगरों के घूमने और शिकार करने के लिए लगभग 872 वर्ग किलोमीटर का जंगल है. यहां के घने जंगल पुराने रियासती काल के दौरान मैसूर शाही परिवार और उनके मेहमानों के लिए शिकार करने की पहली पसंदीदा जगह हुआ करते थे.
कांजीरंगा नेशनल पार्क : दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर कांजीरंगा का नेशनल पार्क टाइगर सफारी के लिए एक आदर्श नेशनल पार्क माना जाता है. इस नेशनल पार्क के चारों तरफ असम के फेमस चाय बागान हैं. यह पार्क एक सींग वाले गैंडे के लिए मशहूर है. कांजीरंगा का नेशनल पार्क भारत का एकमात्र नेशनल पार्क है जिसमें टाइगर को देखने के लिए हाथी की सफारी मौजूद है.
पेंच राष्ट्रीय उद्यान : मध्य प्रदेश के पेंच नेशनल पार्क को मोगली वाले जंगल के रूप में पहचाना जाता है. प्रसिद्ध लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने अपनी किताब “द जंगल बुक” की कहानी इसी पेंच टाइगर रिजर्व के बारे लिखी थी. पेंच का टाइगर रिजर्व भी सतपुड़ा पहाड़ियों के बीचों बीच स्थित है. यह पार्क मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर पड़ता है. पेंच नेशनल पार्क में 48 बंगाल टाइगर रहते हैं.
पन्ना टाइगर नेशनल पार्क :मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के पन्ना जिले में विंध्याचल पहाड़ों के बीच से बहने वाली कूनो नदी के किनारे पर स्थित है पन्ना नेशनल पार्क. यहां के प्राकृतिक दृश्य भी बेहद मनोरम हैं. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार इस पार्क में लगभग 17 टाइगर हैं.
सरिस्का टाइगर रिजर्व :राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सरिस्का का टाइगर रिजर्व भी टाइगर देखने वालों की पंसदीदा जगह है. राजधानी दिल्ली से लगभग 200 किमी और जयपुर से 100 किमी की दूरी पर ये मौजूद है. इस पार्क में लगभग 22 टाइगर हैं जिनके शिकार करने और घूमने के लिए 1990 में 274 वर्ग किमी का रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया.