मानसून में नहीं खानी चाहिए ये दालें, जान लें नुकसान और खाते समय ध्यान रखें ये बातें

दालों से कई तरह की डिशेज बनाई जाती है. दाल की करी के अलावा सलाद और सूप बना जाते हैं क्योंकि प्रोटीन के अलावा इनमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. फाइबर होने के कारण इन्हें सेहत के लिए वरदान तक माना जाता है. पर एक्सपर्ट कुछ दालों को मानसून के दौरान न खाने की सलाह देते हैं. कहा जाता है कि बरसात के मौसम में हमारा पाचन तंत्र कमजोर पड़ जाता है इसलिए ऐसी चीजों को खाने से बचना चाहिए जिन्हें पचने में समय लगता हो. बारिश के दौरान गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी ज्यादा होती है. इसलिए हमें बाहर के जंक फूड के अलावा हेल्दी माने जाने वाली कुछ दालों को खाने से भी परहेज करना चाहिए.
इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी ही कुछ दालों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको मानसून के सीजन में खाने से बचना चाहिए. अगर आप नुकसान जानने के बावजूद इन्हें खाना चाहते हैं तो जानें आप किन बातों को ध्यान में रखकर ऐसी दालों का सेवन कर सकते हैं.
मानसून में खानपान
जयपुर की क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट किरण गुप्ता कहती हैं कि मानसून के दौरान उमस होने के कारण डाइजेशन से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं. पेट के कमजोर होने के चलते हमें लाइट फूड खाना चाहिए ताकि ये आसानी से पच पाए. इसलिए कुछ दालें हाई न्यूट्रिशनल वैल्यू वाली होती हैं जिन्हें पचाना आसान नहीं है.
मानसून में द खाएं ये दालें । Pulses to avoid during monsoon
उड़द की दाल
इन्हीं में से एक उड़द की दाल है जिसमें प्रोटीन काफी होता है. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर का कहना है कि 100 ग्राम उड़द की दाल में 24 ग्राम प्रोटीन होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि उड़द की दाल हैवी साबित हो सकती है और इस कारण पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
न खाएं राजमा
भारतीय राजमा-चावल के बहुत दीवाने हैं. राजमा में प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स, कॉपर और पोटेशियम होता है. इससे हमारा ब्लड शुगर लेवल और हार्ट हेल्थ इंप्रूव होती है. राजमा के कई फायदे होने के बावजूद ये पेट के लिए नुकसानदायक साबित हो जाती है. इसे पेट में गैस बनाने वाले फूड के रूप में भी जाना जाता है. इसलिए मानसून में इसे खाने से बचें.
चना दाल
ये दाल भी प्रोटीन, फाइबर और कैल्शियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होती है. इससे वजन को मेंटेन रखने के अलावा कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना और डाइजेस्टिव हेल्थ को दुरुस्त बनाने में मदद मिलती है. पर इसे खाने से कभी-कभी खराब पाचन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. इसलिए इसे मानसून में खाने से बचें.
काबुली चना
इस चना को आम भाषा में उत्तर भारतीय सफेद छोले पुकारते हैं जिसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम और आयरन के अलावा विटामिन सी और बी भी होते हैं. साथ ही काबुली चना में फाइबर और पोटेशियम भी होता है पर इसे भी गैस बनाने वाले फूड के रूप में जाना जाता है. इसमें एक तरह की शुगर भी होती है जिसे पचाना इतना आसान नहीं होता.
दालों को खाते समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप इन काबुली चना और उड़द जैसी दालों को खाना चाहते हैं तो इन्हें रात में भिगोकर रख दें. इसके अलावा आप मानसून में मूंग की दाल से बनी चीजें खा सकते हैं. वहीं लोबिया भी एक बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकता है. अगर किसी को पहले से पाचन संबंधी समस्याएं हैं तो उन्हें इन दालों का बारिश के मौसम में सेवन नहीं करना चाहिए. अगर आप इन्हें खा रहे हैं तो ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.

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