मालदीव के राष्ट्रपति के भारत दौरे के बीच बांग्लादेश के भी बदल गए सुर

बांग्लादेश की कमान जबसे मोहम्मद यूनुस ने संभाली है, भारत के लिए उनको रुख बड़ा बेरुखा रहा है. अमेरिका और चीन के साथ लेकर आगे बढ़ने का सपना देखने वाले यूनुस धीरे-धीरे सपने से बाहर आने लगे हैं. अब उन्हें समझ आ गया है कि भारत दक्षिण एशिया में एक बड़ी ताकत है और उसको नजरअंदाज कर उनका सरवाइव करना आसान नहीं है.
यूनुस ने हाल में दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा है, “हमारे लिए एक-दूसरे के बिना आगे बढ़ना कठिन होगा. यह स्वाभाविक है कि हमारे बीच हर क्षेत्र में गहरे और अच्छे संबंध हों.”
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने ये भी कहा है कि देश में हाल ही में हुए सत्ता परिवर्तन के बावजूद ढाका-दिल्ली संबंध बहुत करीबी होने चाहिए, क्योंकि यह दोनों देशों के हित में है. ऐसी पलटी मारने वाले यूनुस पहले नेता नहीं है. इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी भारत के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे अपना विरोधी रुख बदल लिया है.
भारत हमसे निराश होगा-यूनुस
मंगलवार को बंगाली अखबार प्रथम आलो को दिए गए इंटरव्यू में यूनुस ने द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के सवाल पर कहा कि बांग्लादेश में हाल की घटनाओं ने भारत को निराश किया होगा और वे बदलावों से खुश नहीं हैं. हालांकि यूनुस ने बदलावों का जिक्र नहीं किया है.
भारत को बांग्लादेश के हिंदुओं की चिंता
यूनुस के सत्ता में आने के बाद से भारत लगातार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग करता रहा है. अगस्त में हुए छात्र प्रदर्शनों के नतीजतन शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था. जिसके बाद हिंसाओं में करीब 600 लोगों की जान गई हैं और इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी शामिल है.
मुइज्जो का भारत दौरा
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस समय अपनी पत्नी के साथ 4 दिनों के भारत दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान उन्होंने भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA), भारतीय UPI को स्वीकार करने, भारत को नया दूतावास खोलने की इजाजत देने, भारत की मदद से अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने, और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारतीय निवेश को बढ़ावा देने के कई समझौते पर साइन किए हैं.

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