मालदीव के लिए जयशंकर ने खोला खजाना… मुइज्जू बोले- जरूरत पड़ी तो भारत ने साथ दिया
इन दिनों भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मालदीव की यात्रा पर है. इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने 28 द्वीपों के लिए कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इसके साथ ही कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत मालदीव के साथ सभी संबंधों को प्राथमिकता देता है. उन्होंने कहा कि मालदीव के विकासात्मक सहयोग के लिए भारत प्रतिबद्ध है. मालदीव हमारा साधारण पड़ोसी देश नहीं है, उससे हमारे संबंध बेहद मजबूत हैं.
विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नई दिल्ली इस देश को पोषित करना जारी रखेगी. साथ ही द्वीपीय राष्ट्र के साथ मित्रता व्यक्त करने के व्यावहारिक तरीके खोजेगी. इस यात्रा के दौरान जयशंकर ने भारतीय प्रवासियों से बातचीत की. उन्होंने यहां बताया कि भारत अपने प्रवासियों को किस तरह से महत्व देता है और भारतीय मूल के सदस्यों का दुनिया भर में क्या प्रभाव है. भारतीय दूतावास के अनुसार, देश में भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या लगभग 27,000 है.
शिक्षा क्षेत्र में भारतीयों का दबदबा
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में यहां भारतीयों की मजबूत उपस्थिति है. हालांकि जिनके अंदर कौशल नहीं है उनमें से अधिकांश भारतीय निर्माण क्षेत्र में लगे हुए हैं. प्रवासी कार्यक्रम से पहले जयशंकर ने राष्ट्रपति मुइज्जू से मुलाकात की और दोनों देशों तथा क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को गहरा करने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने वर्चुअल माध्यम से मालदीव के 28 द्वीपों पर भारत से 110 मिलियन अमरीकी डालर की लागत वाली एक विशाल जल एवं स्वच्छता परियोजना का उद्घाटन भी किया और उसे मालदीव को सौंपा.
भारत ने हमेशा सहायता की- राष्ट्रपति मुइज्जू
विदेश मंत्री इस समय तीन दिन के लिए मालदीव यात्रा पर हैं. वहां उन्होंने कहा कि मालदीव के साथ संबंध बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. हम इसे पोषित करना जारी रखेंगे. हम अपनी दोस्ती को व्यक्त करने के व्यावहारिक तरीके खोजेंगे. व्यापक भारतीय प्रवासियों के बारे में बात करते हुए – उन्होंने कहा, दुनिया भर में लगभग साढ़े तीन करोड़ एनआरआई और पीआईओ हैं. जयशंकर ने कहा कि भारत वह शिक्षक है जिसने उन्हें शिक्षित किया है. भारत वह इंजीनियर है जिसने उनके साथ काम किया है. वहीं मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भी भारत के को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा जब भी मालदीव को जरूरत पड़ी है, भारत ने हमेशा सहायता की है.