मिडिल ईस्ट में तनाव! जर्मनी और यूरोप के लिए फिर खतरा बना इस्लामिक स्टेट

मिडिल ईस्ट में लंबे समय से चल रहे संघर्ष का असर अब जर्मनी और यूरोप पर पड़ता दिख रहा है. इसका बड़ा उदाहरण हाल ही में हुई हिसंक घटनाएं हैं. जिसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी. एक हफ्ते पहले जर्मनी के जोलिंगन शहर में हुए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी और आठ लोग घायल हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने कहा कि हमलावर ने ईसाइयों को निशाना बनाया और उसने हमला फिलिस्तीन और हर जगह मुसलमानों का बदला लेने के लिए’ किया है. हालांकि इस दावे की पुष्टि नहीं की जा सकी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा की रोकथाम के लिए बने नेटवर्क (वीपीएन) के लिए काम करने वाले थॉमस मुके ने बताया कि मिडिल ईस्ट में तनाव का इस्तेमाल चरमपंथी अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए कर रहे हैं. बता दें कि वीवीएन हिंसक अपराधियों को कट्टरपंथ से दूर करने के लिए काम करता है.
पश्चिमी यूरोप में बढ़े हमले
बता दें कि 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसमें हजारों नागरिकों की मौत हो गई थी. जिसके जवाब में इजराइल ने गाजा पट्टी पर हमला किया, जिसमें अब तक लगभग 40 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. थॉमस मुके ने बताया कि साल 2022 की तुलना में पश्चिमी यूरोप में हमले और हमले की कोशिश काफी बढ़ गई है.
टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट में हमले की साजिश
जोलिंगन से पहले अगस्त की शुरूआत में वियना में अमेरिकी गायिका टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट को निशाना बनाने की साजिश की पर्दाफाश हुआ था. इसमें कार्यक्रमों से ठीक पहले दो आईएस समर्थक पकड़े गए थे. ऑस्ट्रियाई सुरक्षा एजेंसी ने बताया था कि इस हमले की साजिश का मुख्य संदिग्ध मैसेडोनियन मूल का 19 साल का एक ऑस्ट्रियाई युवक था. गिरफ्तारी के बाद उसने कहा था कि वह हमले में बड़ी संख्या में लोगों मारना चाहता था. हालांकि साजिश की खुलासा होते ही कॉन्सर्ट को रद्द कर दिया गया था.
चाकूबाजी में पुलिसकर्मी की मौत
इसके पहले मई में मानहाइम शहर में चाकूबाजी में एक पुलिसकर्मी की जान चली गई थी. साथ ही पांच लोग घायल हो गए थे. इस हमले का आरोपी एक अफगान युवक (25) था. जांच में सामने आया कि यह हमला इस्लाम के आलोचक ग्रुप पैक्स यूरोपा’ के अध्यक्ष को निशाना बनाने के लिए किया गया था. हालांकि, इस मामले में आईएस का कोई डायरेक्ट संबंध तो सामने नहीं आया, लेकिन यह धार्मिक रूप से प्रेरित था.
इस हमले के बाद जर्मनी और फ्रांस ने फुटबॉल चैंपियनशिप और पेरिस ओलंपिक गेम्स को लेकर चिंता जताई थी. हालांकि, दोनों कार्यक्रमों में कोई घटना नहीं हुई. लेकिन सुरक्षा के सख्त उपाय किए गए थे. साथ ही बॉर्डर पर भी कड़ी निगरानी रखी गई थी.
आईएस ने बनाया टारगेट
जानकारी के मुताबिक 7 अक्टूबर, 2023 से यूरोप में सात हमलों और हमलों के प्रयास के 21 केस फाइल किए हैं. इस पर मुके ने कहा कि हमलों का बढ़ना आश्चर्यजनक नहीं है. उन्होंने कहा कि आईएस ने पश्चिमी यूरोप को टारगेट बनाया है. उनका मकसद आतंक के साथ-साथ समाज को बांटने का भी है, ताकि वो अपने साथ ज्यादा लोगों को जोड़ सकें. आईएस ने सबसे बड़ा हमला रूस में किया था. यहां मार्च 2024 में मास्को के एक कॉन्सर्ट हॉल पर हुए आतंकी हमले में 140 से ज्यादा लोगों मारे गए थे.
सीरिया और इराक के बड़े क्षेत्र पर कब्जा
बता दें कि आईएसआईएस 10 साल पहले दुनियाभर में चर्चा में आया था. इसके तत्कालीन नेता अबू बकर अल-बगदादी ने मिडिल ईस्ट और इसके आसपास के क्षेत्र में खिलाफत की स्थापना का ऐलान किया. इसके बाद इसने सीरिया और इराक के बड़े क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया. साथ ही हत्याओं और सिर कलम करने के वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किए गए.
बर्लिन के क्रिसमस बाजार में हमला
साल 2016 में बर्लिन के क्रिसमस बाजार में आईएस ने हमला किया था. जिसमें आईएस समर्थक ने बाजार में एक ट्रक घुसा दिया और 12 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. हालांकि लोगों का मानना है कि 2019 तक मिडिल ईस्ट में आईएस को पस्त कर दिया गया था. जिसके बाद यूरोप में भी हमलों में कमी आई थी. हालांकि एक बार फिर हमले की नई घटनाओं में जिहादवाद सिर उठाता नजर आ रहा है.
अपराध में ज्यादातर युवा शामिल
थॉमस मुके ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों में ज्यादातर किशोर हैं. उन्होंने बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की संभावना काफी कम है. 7 अक्टूबर, 2023 से मिडिल ईस्ट में बढ़ा संघर्ष आने वाले वक्त में आतंकी घटनाओं में बढ़ोत्तरी कर सकता है. वहीं चाकूबाजी की घटना के बाद जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेजर कई इलाकों में चाकू पर पाबंदी लगाने जा रही हैं.

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