मिडि​ल ईस्ट में तनाव, भारत में कितना हुआ सोने और चांदी का भाव?

मजबूत वैश्विक रुझानों के बीच देश के स्थानीय बाजार में सोमवार को सोने की कीमत 200 रुपये बढ़कर 72,350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि चांदी की कीमत 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गई. देश के वायदा बाजार में भी गोल्ड की कीमत में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. जब से फेड की ओर से सितंबर के महीने में ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए हैं, तब से गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर जियो पॉलिटिकल टेंशन भी अपने उफान पर है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश में गोल्ड और सिल्वर की कीमत में कितनी तेजी देखने को मिल रही है.
कितनी हुई सोने और चांदी की कीमतें
स्थानीय बाजार में सोमवार को सोने की कीमत 200 रुपये बढ़कर 72,350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि चांदी की कीमत 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गई. ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले सत्र में 99.9 फीसदी शुद्धता वाली पीली धातु शनिवार को गिरावट के साथ 72,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. चांदी की कीमत 1,000 रुपये बढ़कर 83,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पिछले बंद में 82,500 रुपये प्रति किलोग्राम थी. इस बीच 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना भी 200 रुपये चढ़कर 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. पिछले कारोबार में शनिवार को यह 71,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
व्यापारियों ने सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण स्थानीय ज्वैलर्स की ओर से बढ़ी मांग और विदेशी बाजारों में मजबूत रुख को बताया. वैश्विक मोर्चे पर, कॉमेक्स पर सोना 8.40 डॉलर प्रति औंस की बढ़त के साथ 2,481.80 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी बढ़कर 28.01 डॉलर प्रति औंस पर है.
क्यों आ रही है तेजी?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा कि सोमवार को सोने की कीमतों में इजाफे का प्रमुख कारण जियो पॉलिटिकल टेंशन है. मिडिल ईस्ट में तनाव देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से सेफ हैवन की डिमांड में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. गांधी ने कहा कि इसके अलावा, हाल ही में कमजोर मैक्रो डेटा द्वारा पीली धातु को और सपोर्ट मिलने के बाद व्यापारियों ने इस साल अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) की आक्रामक ब्याज दर में कटौती पर भी अपना दांव बढ़ा दिया है.
फेड का भी असर
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट मानव मोदी के अनुसार, पिछले सत्र में तेज वृद्धि के बाद सोने की कीमतें स्थिर रहीं, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट से भी कीमती धातुओं को बल मिला है. निवेशकों को विश्वास हो गया कि इस साल सितंबर में फेड ब्याज दरें कम करेगा. मोदी ने कहा कि व्यापारियों ने फेड की संभावित मॉनेटरी पॉलिसी पाथ की जानकारी के लिए अपना ध्यान अगले सप्ताह आने वाले अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक डेटा पर केंद्रित कर दिया है. एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी एंड करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी के अनुसार, सोने की कीमतें काफी हद तक मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव, विशेष रूप से इज़राइल पर ईरान के संभावित हमले की चिंताओं से प्रेरित हैं.

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