मिशन विकसित भारत के लिए MIT-WPU की खास पहल, पुणे में राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आगाज
वर्ल्ड क्लास एजुकेशन के लिए प्रसिद्ध एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT-WPU) की ओर से पुणे में पहला राष्ट्रीय वैज्ञानिक गोलमेज सम्मेलन (NSRTC 2024) आयोजित किया गया. पुणे के कोथरुड में MIT-WPU परिसर के स्वामी विवेकानंद हॉल में इस सम्मेलन में विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए देश के वैज्ञानिक पहलुओं पर चर्चा की गई. इस दौरान अनेक सम्मानित हस्तियों, विद्वानों और दूरदर्शी जानकारों को एकजुट किया गया है.
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पद्म विभूषण डॉ. आर.ए. माशेलकर, पूर्व महानिदेशक सीएसआईआर नई दिल्ली ने संबोधित किया. उन्होंने विभिन्न विषयों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और एडवांस टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.
जाने माने वैज्ञानिकों ने लिया हिस्सा
सम्मेलन में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में गणपति यादव, पूर्व कुलपति, रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान; पद्म भूषण डॉ. विजय भटकर, संस्थापक निदेशक, सी-डैक, भारत सरकार, पुणे; आदरणीय प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड, संस्थापक – MAEER के एमआईटी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस तथा संस्थापक अध्यक्ष- MIT-WPU; राहुल वी. कराड, मैनेजिंग ट्रस्टी, MAEER, कार्यकारी अध्यक्ष, MAEER और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी और मुख्य आरंभकर्ता, MIT SOG; और NSRTC के राष्ट्रीय संयोजक एवं प्रो-वाइस चांसलर डॉ. मिलिंद पांडे शामिल हैं.
NSRTC 2024 का अपना खास महत्व है
पूर्व कुलपति (रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान) गणपति यादव ने कहा कि “एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी में NSRTC 2024 का हिस्सा बनना बेहद सम्मान की बात है. विज्ञान से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभाशाली लोगों का यह सम्मेलन हमारे देश की प्रगति में अलग-अलग विषयों के सहयोग की अहम भूमिका को उजागर करता है. हम धीरे-धीरे 21वीं सदी की जटिलताओं को पार कर रहे हैं, लिहाजा यह जरूरी है कि हम वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और अपने देशवासियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग और एडवांस्ड मैटेरियल जैसी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का भरपूर लाभ उठाएं.
मुझे पूरा यकीन है कि NSRTC 2024 से निकलकर सामने आने वाली बहुमूल्य जानकारी और इनोवेशन से स्थायी, समावेशी और तकनीकी रूप से उन्नत भारत की राह बेहद आसान हो जाएगी.
वैज्ञानिक गोलमेज सम्मेलन मील का पत्थर
प्रो. डॉ. विश्वनाथ डी. कराड, संस्थापक-MAEER के एमआईटी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस तथा संस्थापक अध्यक्ष- MIT-WPU ने कहा कि एमआईटी-डब्ल्यूपीयू राष्ट्रीय वैज्ञानिक गोलमेज सम्मेलन मील का पत्थर है.यह विकसित भारत 2047 की ओर अहम यात्रा है. नामचीन वैज्ञानिकों और नये विचारों को एक साथ लाकर हमारा लक्ष्य राष्ट्र के लिए एक उज्जवल भविष्य को आकार देना है. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि भारत में हमारे नागरिकों के बीच 4D यानी अनुशासन, समर्पण, भक्ति और शिष्टाचार (Discipline, Dedication, Devotion, and Decorum) को अपनाने के माध्यम से एक वैश्विक नेता के रूप में उभरने की क्षमता है. विज्ञान और आध्यात्मिकता की भाषा दुनिया में शांति ला सकती है, हमें समग्र प्रगति और सार्वभौमिक सद्भाव की दिशा में मार्गदर्शन कर सकती है.
उन्होंने कहा कि एआई, क्वांटम टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबिलिटी, हेल्थकेयर और इस तरह के विषयों पर केंद्रित इस सम्मेलन का लक्ष्य मुख्य रूप से युवा शोधकर्ताओं के बीच इनोवेशन की सोच को प्रोत्साहित करना है. साथ ही नई खोजों और सतत विकास के लिए विभिन्न विषयों के साथ-साथ और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है.
विकसित भारत के संकल्प की नई शुरुआत
MAEER के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल वी. कराड और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी और मुख्य आरंभकर्ता MIT SOG ने कहा कि “MIT-WPU में पहला राष्ट्रीय वैज्ञानिक गोलमेज सम्मेलन इनोवेशन को बढ़ावा देने के हमारे संकल्प में एक नए अध्याय की शुरुआत है. विकसित भारत 2047 के लिए हमारे विजन को आगे बढ़ाते हुए प्रमुख वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के बीच आपसी सहयोग और बातचीत को प्रोत्साहन देना हमारा खास मकसद है. हमें इस बात पर यकीन है कि शिक्षा और अनुसंधान में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने की ताकत होती है और यह सम्मेलन ज्ञान को आगे बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल परिवर्तन जैसे अहम मुद्दों को संबोधित करने के लिए हमारे समर्पण की मिसाल है.