‘मुगले आजम’ की स्टोरी पर लिखी गई सलमान खान की उस फिल्म की स्क्रिप्ट, जिसने उन्हें इंडस्ट्री का ध्रुव तारा बना दिया
64 साल पहले के.आसिफ की डायरेक्ट की हुई फिल्म परदे पर आई, जो कि थी ‘मुगले आजम’. ये हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास की क्लासिक फिल्मों में गिनी जाती है. रिलीज के इतने सालों के बाद भी लोग इस फिल्म के कैरेक्टर और गानों को पसंद करते हैं. हालांकि, इसकी स्टोरी से मिलते हुए कई और प्रोजेक्ट्स आए, लेकिन किसी को भी ‘मुगले आजम’ जितनी सक्सेस नहीं मिली.
वहीं साल 1989 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ को रिलीज किया गया, जो की बड़े परदे पर एक सुपरहिट फिल्म बन गई. अब आप सोच रहे होंगे कि दो अलग-अलग फिल्मों की बात यहां क्यों की जा रही है. तो इसके पीछे की वजह ये है कि यो दोनों फिल्में आपस में कनेक्टेड हैं. दरअसल, बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि ‘मैंने प्यार किया’ की कहानी ‘मुगले आजम’ पर लिखी गई है, हालांकि इसमें काफी ट्विस्ट और नयापन भी दिया गया है. हाल ही में इस बात का खुलासा फिल्म के डायरेक्टर सूरज बड़जात्या ने किया. ये फिल्म उनकी डायरेक्ट की हुई पहली फिल्म थी और केवल उनकी ही नहीं बल्कि, सलमान खान ने भी बतौर लीड एक्टर इस फिल्म से ही शुरुआत की थी. रिलीज के बाद ‘मैंने प्यार किया’ ने काफी तारीफें बटोरी.
सूरज बड़जात्या ने लिखी पूरी कहानी
‘मैंने प्यार किया’ के बाद से सूरज बड़जात्या एक उम्दा डायरेक्टर के तौर पर उभरकर आए. हाल ही में 70वें नेशनल फिल्म अवार्ड में ‘ऊंचाई’ के लिए उनके नाम को बेस्ट डायरेक्टर के तौर पर अनाउंस किया गया. इसके बाद सूरज बड़जात्या स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन के एक प्रोग्राम में भी शामिल हुए, जहां उन्होंने अपनी पहली फिल्म के किस्से शेयर किए. उन्होंने बताया कि जिस वक्त ‘मैंने प्यार किया’ आने वाली थी, उस वक्त राजश्री प्रोडक्शन की कोई भी फिल्म कुछ खास नहीं चल रही थी. जिसके बाद प्रोडक्शन हाउस ने ‘मैंने प्यार किया’ को बनाने का डिसीजन लिया. इसके साथ ही ये भी तय हुआ कि अगर ये फिल्म भी नहीं चली तो ये राजश्री की आखिरी फिल्म होगी. सभी कुछ डिसाइड होने के बाद सूरज बड़जात्या के पिता राजकुमार बड़जात्या ने उनसे फिल्म की स्टोरी लिखने को कहा. सूरज ने बताया कि इस फिल्म से पहले उन्होंने कभी कोई स्टोरी नहीं लिखी थी.
‘मुगले आजम’ की कहानी पर बनी फिल्म
राजकुमार बड़जात्या ने बताया कि इस फिल्म की कहानी ‘मुगले आजम’ की तरह बनेगी, जिसमें सलीम होगा, अनारकली होगी, दोनों की लव स्टोरी होगी और अकबर होगा. सूरज ने ये सुनते ही कहा कि ये स्टोरी तो बन चुकी है, इसमें अब अलग क्या होगा. इसका जवाब देते हुए उनके पिता ने कहा कि ये कहानी अब तुम्हारे हिसाब से बनेगी. जो जिंदगी तुमने जी है, ये कहानी उस पर बनेगी. फिर आगे क्या था सूरज ने कहानी लिखनी शुरू की और उनके पिता ने उसे फ्रेम करना शुरू कर दिया. फिल्म में हीरो को 21 साल की उम्र का बनाया गया है, क्योंकि उस वक्त सूरज की उम्र भी सेम थी. उन्होंने सबसे पहले सुमन को घर से बाहर निकालने वाला सीन लिखा, जैसे अनारकली को निकाला जाता है.
फिल्म की कहानी में डाले सभी एहसास
सूरज ने साफ कहा था कि ये लव स्टोरी लव एट फर्स्ट साइड नहीं होगी. फिर उन्होंने अपनी असल जिंदगी के लोगों को मुगले आजम की कहानी में पिरोना शुरू कर दिया. सूरज ने बताया कि फिल्म में रीमा लागू ने जिस तरह की मां का कैरेक्टर प्ले किया है, वो बिल्कुल मेरी मां के जैसी है. सुमन वो लड़की बनी है, जिसे मैं बहुत पसंद किया करता था. सूरज अपने सारे एहसास को फिल्म की कहानी में डालते गए और फिल्म बनती चली गई. उन्होंने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहा, “लव स्टोरी हर कोई बनाता है, लेकिन जो कहानी आपने खुद महसूस की है वो कोई और नहीं लिख सकता.”
अपने पिता की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म के लिए मेरे पिता ने मेरी बहुत सपोर्ट किया. किसी को आजाद होकर लिखने की छूट मिलना बहुत बड़ी बात होती है, जो कि मुझे मिली थी. मैं फिल्म की कहानी भर-भर के लिखता गया और उन्होंने एक-एक को अलग किया.