मुलायम से पीछे, लालू से आगे, युगेंद्र की एंट्री करा इस रिकॉर्ड को तोड़ देंगे शरद पवार?
महाराष्ट्र के चुनावी संग्राम से पहले पवार परिवार एक और सदस्य को राजनीति में लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. सदस्य का नाम है युगेंद्र श्रीनिवास पवार. युगेंद्र शरद पवार के भाई के पोते और अजित पवार के भतीजे हैं. कहा जा रहा है कि युगेंद्र को शरद गुट बारामती से चुनाव लड़वाने की तैयारी में है. बारामती शरद पवार का गढ़ माना जाता है और वर्तमान में अजित पवार यहां से विधायक हैं.
बारामती और महाराष्ट्र की राजनीति से इतर युगेंद्र की पॉलिटिक्स में एंट्री करा पवार परिवार एक और रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है. युगेंद्र अगर राजनीति में आते हैं तो मुलायम के बाद पवार परिवार देश का दूसरा सबसे बड़ा परिवार जाएगा, जिसके सबसे ज्यादा नेता राजनीति में एक्टिव हैं.
अब तक इस मामले में मुलायम परिवार के बाद लालू और देवेगौड़ा परिवार का दबदबा है.
मुलायम परिवार के सबसे ज्यादा 10 सदस्य
उत्तर प्रदेश के मुलायम सिंह परिवार के 10 सदस्य अभी राजनीति में एक्टिव हैं. मुलायम के बेटे अखिलेश कन्नौज से सांसद और सपा के मुखिया हैं. अखिलेश की पत्नी डिंपल मैनपुरी से सांसद हैं. अखिलेश के चाचा शिवपाल जसवंतनगर से विधायक और शिवपाल के बेटे आदित्य यादव बदायूं से सांसद हैं.
अखिलेश के एक और चाचा रामगोपाल यादव राज्यसभा में सांसद हैं. रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद से लोकसभा के सांसद हैं. अखिलेश के एक और चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ सीट से सांसद हैं. इतना ही नहीं, मुलायम की दूसरी बहू अर्पणा यादव बीजेपी के जरिए राजनीति में सक्रिय हैं.
अर्पणा को हाल ही में यूपी महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. अखिलेश के एक चचेरे भाई अंशुल यादव इटावा के जिला प्रमुख हैं. मुलायम के पोते तेज प्रताप भी राजनीति में हैं और मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं.
लालू परिवार के 6 लोग राजनीति में एक्टिव
बिहार के लालू यादव परिवार के 6 लोग अभी सक्रिय राजनीति में है. लालू यादव खुद आरजेडी के सुप्रीमो में है. उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार विधानपरिषद की नेता प्रतिपक्ष हैं. लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप हसनपुर सीट से विधायक हैं. छोटे बेटे तेजस्वी विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.
लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती अभी पाटलिपुत्र से लोकसभा की सांसद हैं. दूसरी बेटी रोहिणी आचार्या भी चुनाव लड़ चुकी हैं. हालांकि, सारण सीट से वे जीत नहीं दर्ज कर पाईं.
देवेगौड़ा परिवार के भी 6 सदस्य राजनीति में
भारत के पू्र्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा परिवार के भी 6 सदस्य राजनीति एक्टिव हैं. पूर्व पीएम देवेगौड़ा खुद राज्यसभा सांसद हैं. उनके एक बेटे एचडी कुमारस्वामी केंद्र में मंत्री हैं. देवेगौड़ा के दूसरे बेटे एचडी रेवन्ना विधायक हैं.
एचडी रेवन्ना के दो बेटे सूरज और प्रांज्वल भी राजनीति में हैं. सूरज एमएलसी हैं और प्रांज्वल लोकसभा के सांसद रह चुके हैं. वहीं एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल भी राजनीति में हैं और चुनाव लड़ चुके हैं.
पवार परिवार से राजनीति में कौन-कौन?
शरद पवार- महाराष्ट्र के पू्र्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार अभी एनसीपी (पवार) के अध्यक्ष हैं. वे राज्यसभा के भी सांसद हैं. पवार अपने परिवार से राजनीति में आने वाले पहले सदस्य हैं.
अजित पवार- महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार शरद के भतीजे हैं. अजित शरद के बाद राजनीति में आए. वे एनसीपी (अजित) के प्रमुख और बारामती से विधायक हैं. शरद ही अजित को राजनीति में लाए.
सुप्रिया सुले- बारामती से सांसद सुप्रिया पवार परिवार से राजनीति में आने वाली तीसरी सदस्य हैं. सुप्रिया शरद पवार की बेटी और एनसीपी (शरद) की कार्यकारी अध्यक्ष है. सुप्रिया को सीनियर पवार का उत्तराधिकारी माना जाता है.
रोहित पवार- शरद पवार के भाई के पोते रोहित अभी विधायक हैं. रोहित 2019 में राजनीति में आए थे. राजनीति में आने से पहले रोहित सहकारी क्षेत्र में काम कर रहे थे. एनसीपी में टूट के बाद रोहित ने ही शरद गुट की तरफ से मोर्चा संभाल रखा था.
पार्थ पवार- अजित पवार के बेटे पार्थ भी राजनीति में हैं. पार्थ 2019 में मावल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ थे, लेकिन वे जीत नहीं पाए. पार्थ इसके बाद से ही चुनावी राजनीति से दूर हैं. हालांकि संगठन के कामकाज में वे जरूर सक्रिय हैं.
सुनेत्रा पवार- अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा भी राजनीति में एंट्री कर चुकी हैं. 2024 में सुनेत्रा एनडीए गठबंधन की तरफ से बारामती सीट से प्रत्याशी बनाई गई थीं, लेकिन सुप्रिया सुले से जीत नहीं पाईं. सुनेत्रा अभी राज्यसभा की सांसद हैं.
अब युगेंद्र की एंट्री कराने की तैयारी
युगेंद्र पवार अजित पवार के भतीजे हैं. युगेंद्र के पिता श्रीनिवास पवार कृषि और ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में हैं. कहा जा रहा है कि अगर बारामती सीट से अजित पवार चुनाव नहीं लड़ते हैं तो एनसीपी (शरद) गुट युगेंद्र को मैदान में उतार देगी.
युगेंद्र ने इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है. बारामती सीट एनसीपी का गढ़ माना जाता है. 1967 से ही पवार परिवार का यहां पर कब्जा है. पहले शरद पवार और फिर अजित यहां से विधायक चुनकर सदन पहुंच रहे हैं.