मुसलमानों की इज्जत और हैसियत… मौलाना तौकीर रजा की ‘ख्वाहिश’ पर हंगामा
देश में कई ऐसे धार्मिक नेता हैं जो अक्सर बोलते-बोलते शायद धर्म शब्द का मतलब भूल जाते हैं. अक्सर धर्म की बात करते करते कट्टर बातें करने लगते हैं. इस पर विवादों का ऐसा तूफान आ जाता है कि मूसलाधार राजनीति होने लगती है. ऐसे ही एक धार्मिक नेता हैं तौकीर रजा. ये नाम आपने पहले भी कई बार सुना होगा और जब भी सुना होगा तो किसी न किसी विवादित और नफरत भरे बयान की वजह से ही सुना होगा.
अब तौकीर रजा ने विवादित बयानों की पिच पर अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है. वो भी ऐसे वक्त में जब भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में नफरत की आग लगी हुई है. आईएमसी यानी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष तौकीर रजा चाहते हैं कि देश में सेंट्रल कुर्बानी बोर्ड बने. आपको जानकर आश्चर्य भी हो रहा होगा कि आखिर एक धर्मगुरु की ये कैसी चाहत है. तौकीर रजा ने कहा है कि देश में एक मुस्लिम सेंट्रल बोर्ड बनना चाहिए, जिसमें ऐसे लोग शामिल हों जो कुर्बानी देने का जज्बा रखते हों. जिसके फैसले को सभी मुसलमान आंख बंद करके मान लें.
तौकीर रजा बोले- मुसलमानों को दो नंबर का शहरी बनाया जा रहा
तौकीर रजा का कहना है कि मुस्लिमों को अपने वजूद को बचाने की फिक्र करनी चाहिए. आरोप ये है कि देश में मुसलमानों को दो नंबर का शहरी बनाया जा रहा है. इनको दुख इस बात का है कि देश में मुसलमानों की कोई इज्जत और हैसियत नहीं है. ये इस बात को लेकर अत्यंत दुखी हैं कि मुस्लिमों पर लव जिहाद के आरोप लगते हैं और सबसे ज्यादा दुखी इस बात को लेकर हैं कि ये देश गैर जिम्मेदार हाथों में चला गया है.
मंच पर सपा के अबू आजमी समेत कई नेता मौजूद थे
मुंबई में एक कार्यक्रम में तौकीर रजा ने इस तरह के विवादित बयान दिए. इस कार्यक्रम में तौकीर रजा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी भी शामिल थे. इनके अलावा देश के कई मुस्लिम धर्मगुरु भी थे. कार्यक्रम का नाम था ‘मुस्लिम लीडरशिप समिट 2024’. इसकी अध्यक्षता मौलाना खलीलुर्रहमान सज्जाद नोमानी नदवी ने की थी. मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से इसका आयोजन किया गया था. मुख्य रूप से इस कार्यक्रम के 3 मकसद थे.
पहला मुस्लिम समुदाय में प्रतिनिधित्व
दूसरा मुस्लिमों का सशक्तिकरण
और तीसरा मुस्लिम समुदाय की प्रगति
ऐसे कार्यक्रम से किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. क्योंकि प्रतिनिधित्व, सशक्तिकरण और प्रगति का अधिकार मुस्लिम समुदाय को भी है, लेकिन चिंता की बात ये है कि ऐसे मंच का एजेंडा और नैरेटिव तौकीर रजा जैसे लोग हाइजैक कर लेते हैं. तौकीर के बयान पर अब सियासी हंगामा भी खड़ा हो गया है. कई नेताओं और धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया सामने आई है.
शिया धर्मगुरु ने घर-घर जाने की दे दी नसीहत
शिया धर्मगुरु सैफ अब्बास का तौकीर रजा वाले बयान पर पलटवार किया और कहा कि वो जो कह रहे है सही है, लेकिन पहले वो खुद सामने आये मुस्लिम के घर-घर जाए फिर बात करें. साथ ही ये बात तो सही है कि अभी मुसलमानों का कोई एक नेता नहीं है और ना ही एक नेता हो सकता है. जहां तक लव जिहाद की बात है तो ये बेकार की बात है ऐसा कुछ होता ही नहीं है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि हिंदुस्तान गजवा ए हिंद नहीं होगा, भले तौकीर रजा की 100 पीढ़ी आ जाए. भारत को इस्लामिक राष्ट्र समझने वाले को बात संविधान के दायरे रख कर दिखाई जाएगी. तौकीर रजा सबसे गैर जिम्मेदार हैं जो देश में मुसलमानों को भड़का रहे हैं, ऐसे लोगों से संविधान के दायरे में रहकर निपटा जाएगा.
पहले भी बयानों से मचा चुके हैं हंगामा
पहली बार नहीं है जब तौकीर रजा की जुबान से ऐसे शब्द निकले हैं. तौकीर रजा ने ज्ञानवापी पर कहा था कि अयोध्या मामले पर तो सारा झूठ सहन कर लिया लेकिन अब सहन नहीं करेंगे. उन्होंने ये भी कहा था कि फव्वारे को शिवलिंग समझकर कानून और धर्म का मजाक उड़ाया जा रहा है.
इससे पहले साल 2022 में एक सभा के दौरान तौकीर रजा ने चेतावनी देते हुए कहा था कि जिस दिन मुस्लिम युवाओं को कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर किया जाएगा, हिंदुओं को भारत में कहीं भी छिपने की जगह नहीं मिलेगी
थोड़ा और पीछे जाएं तो बरेली के धार्मिक नेता मौलाना तौकीर रजा ने साल 2007 में बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के खिलाफ उन्होंने फतवा जारी कर उनका सिर काटकर लाने वाले को 5 लाख रुपए इनाम में देने का ऐलान किया था. मौलाना ने 2001 में अपनी राजनीतिक पार्टी इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद की स्थापना की थी.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)