मुसलमानों के लिए मोदी सरकार का नया वक्फ बिल कैसे है फायदेमंद?

केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल, 2024 पेश किया. विपक्ष ने जहां इस बिल का विरोध किया तो सरकार ने जवाब में बताया कि बिल कैसे मुसलमानों के लिए फायदेमंद है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में एक-एक कर बिल के फायदे गिनाए. उन्होंने कहा कि इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा…किसी का अधिकार लेने की बात तो छोड़िए, देने के लिए यह विधेयक लाया गया है. उन लोगों को अधिकार देने के लिए बिल लाया गया है, जिन्हें कभी मिला नहीं. केंद्रीय मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि वक्फ की इनकम का पूरा पैसा मुसलमानों पर ही खर्च होगा.
उन्होंने आगे कहा कि यह बिल सच्चर कमेटी (जिसमें सुधार की बात कही गई थी) की रिपोर्ट पर आधारित है जो आपने (कांग्रेस) बनाई थी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है…कल रात तक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल मेरे पास आए…कई सांसदों ने मुझे बताया है कि माफिया ने वक्फ बोर्ड पर कब्जा कर लिया है. कुछ सांसदों ने कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से विधेयक का समर्थन करते हैं लेकिन अपने राजनीतिक दलों के कारण ऐसा नहीं कह सकते…हमने इस विधेयक पर बहुस्तरीय देशव्यापी विचार-विमर्श किया है.
‘विपक्ष राजनीति के लिए कर रहा विरोध’
किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ अधिनियम 1995 अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल नहीं रहा, हम कांग्रेस को बताना चाहते हैं कि ये संशोधन उन कार्यों को पूरा करने के लिए लाए जा रहे हैं जो आप नहीं कर सके. संयुक्त संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि वक्फ अधिनियम 1995 का फिर से अध्ययन होना चाहिए, विपक्ष राजनीति के लिए इसका विरोध कर रहा है.
किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि विपक्ष वक्फ संशोधन विधेयक की मंशा के बारे में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है. कोई कानून संविधान से ऊपर नहीं हो सकता लेकिन 1995 के वक्फ कानून में ऐसे कुछ प्रावधान हैं.
‘मुस्लिम विरोधी नहीं है बिल’
वहीं, सरकार का हिस्सा जनता दल ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है और इसे सिर्फ वक्फ संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता के लिए लाया गया है. जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, कई (विपक्षी) सदस्यों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है. यह कैसे मुसलमान विरोधी है? उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने मंदिरों की बात की है, लेकिन मंदिर और संस्था में अंतर है.
ललन सिंह ने कहा कि मस्जिदों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. जद (यू) सांसद ने कहा, वक्फ संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए यह संशोधन लाया जा रहा है.

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