मुसलमान शरिया कानून से समझौता नहीं करेंगे… UCC पर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की दो टूक

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र किया था और यूसीसी लागू करने पर जोर दिया था, जिस पर अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आपत्ति जताई है. बोर्ड ने यूसीसी पर ऐतराज जताते हुए शनिवार को कहा, मुस्लिम यूसीसी और सेक्युलर सिविल कोड को स्वीकार नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा, मुस्लिम समुदाय शरिया कानून से समझौता नहीं करेगा.
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित करते हुए एक बार फिर यूसीसी का जिक्र किया था. उन्होंने देश में यूसीसी लागू करने पर जोर दिया था. उन्होंने यूसीसी को सेक्युलर सिविल कोड बताया.
UCC पर मुस्लिम बोर्ड का ऐतराज
बोर्ड ने शनिवार को एक प्रेस रिलीज जारी कि, जिसमें उन्होंने कहा, उन्हें इस बात पर ऐतराज है कि पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेक्युलर सिविल कोड की बात की और धार्मिक पर्सनल बोर्ड को कम्युनल बोर्ड बताया. मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने इस बात को साफ कर दिया कि वो शरिया लॉ को नहीं छोड़ेंगे. साथ ही बोर्ड के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियास ने कहा कि वो इस बात से काफी हैरान है कि पीएम मोदी ने धार्मिक बोर्ड, जैसे शरिया बोर्ड को कम्युनल बोर्ड कहा.
मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने कहा, देश में मुसलमानों को शरिया लॉ के अनुसार रहने की आजादी है. बोर्ड ने शरीयत एप्लिकेशन अधिनियम, 1937 का जिक्र किया और कहा, भारत में संविधान ने मुसलमानों को अपने धर्म के अनुसार कानून का पालन करने का अधिकार दिया है. संविधान के अनुच्छेद 25 में नागरिकों को धर्म को मानने, प्रचार करने और उसके कानूनों का पालन करने का अधिकार दिया गया है.
“UCC लाना पश्चिम की नकल जैसा”
बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. इलियास ने कहा, मुसलमानों के अलावा बाकी धार्मिक समुदाय के पारिवारिक कानून भी उनके अपने धार्मिक विचारों और परंपराओं पर आधारित हैं. उन्होंने आगे कहा, धार्मिक कानूनों से अलग हटकर यूसीसी लाना पश्चिम की नकल करने जैसा है. डॉ. इलियास ने प्रधानमंत्री द्वारा संवैधानिक शब्द समान नागरिक संहिता(यूसीसी) की जगह सेक्युलर नागरिक संहिता के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि पीएम जानबूझकर शरिया कानून को निशाना बनाने पर ध्यान केंद्रित करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
डॉ. इलियास ने 15 अगस्त के अवसर पर देश के नागरिकों से आग्रह किया कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उपलब्धियों को याद रखें और एक स्वतंत्र, समृद्ध, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण भारत का सपना देखें.
PM ने UCC को लेकर क्या कहा
पीएम मोदी ने कहा, देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है, साथ ही उन्होंने कहा था, जिस सिविल कोड का हम पालन कर रहे हैं, वह कम्युनल सिविल कोड है. पीएम मोदी ने कहा, यूसीसी लागू होने के बाद ही हमें धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति मिलेगी. पीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी पर कई बार चर्चा की है. धर्म के आधार पर समाज को बांटने वाले कानून आधुनिक समाज स्थापित नहीं कर सकते. इसलिए इनकी कोई जगह नहीं होनी चाहिए.

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