मूडीज ने बताया क्या है मुकेश अंबानी का मूड, यहां खर्च करने वाले हैं 1 लाख 29 हजार करोड़ रुपए
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज आने वाले समय में मोटा खर्च करने की तैयारी में है. साख निर्धारण से जुड़ी मूडीज रेटिंग्स ने हाल ही में भारतीय कंपनियों के लिए बड़ी बातें कही हैं. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि भारतीय कंपनियां क्षमता बढ़ाने के लिए अगले एक-दो साल में कैपिटल एक्सपेंडिचर के तहत सालाना 45 से 50 अरब डॉलर का निवेश करेंगी. इसमें सबसे ज्यादा खर्च की हिस्सेदारी देश की सबसे वैल्युएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की होगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले दो साल में 30 फीसदी तक का खर्च कर सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं मुकेश अंबानी कहां इतना पैसा खर्च करने के मूड में हैं.
रिपोर्ट में कही गई ये बात
मूडीज ने भारत और इंडोनेशिया में एक्टिव कंपनियों के ऊपर एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा कि उत्पादन शृंखला एकीकरण को बढ़ाने और शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए ये निवेश किया जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, अगले एक से दो साल में रेटिंग वाली भारतीय कंपनियों का सालाना पूंजीगत व्यय लगभग 45 से 50 अरब डॉलर तक रहेगा. इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी अकेले 30 फीसदी होगी. कंपनी ने विभिन्न कारोबार में निवेश को लेकर लगभग 15 अरब डॉलर का निर्धारण किया हुआ है.
कहां खर्च होगा पैसा?
रिपोर्ट के मुताबिक, तेल-गैस क्षेत्र और रिलायंस इंडस्ट्रीज मिलकर एक-दो साल में सामूहिक रूप से भारतीय कंपनियों के कुल व्यय का 60 फीसदी से अधिक खर्च करेंगी.मूडीज ने कहा कि भारत में रेटिंग वाली सात तेल और गैस कंपनियों की निवेश में हिस्सेदारी कुल निवेश का लगभग 30 फीसदी होगी. ये कंपनियां मौजूदा क्षमता का विस्तार करने और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने के लिए सालाना लगभग 15 अरब डॉलर खर्च करेंगी.
मूडीज रेटिंग्स ने उदाहरण देते हुए कहा कि ओएनजीसी (बीएए-3 स्थिर) और इंडियन ऑयल अगले दो साल में भंडार बढ़ाने, वितरण गतिविधियों यानी आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण और ऊर्जा बदलाव पर छह अरब डॉलर और चार अरब डॉलर खर्च करेंगी.
भारत की ग्रोथ पर क्या है मूडीज का मूड
मूडीज ने कहा कि भारतीय और इंडोनेशियाई कंपनियों के लिए कर्ज गुणवत्ता बेहतर रहेगी. चीन को छोड़कर भारत और इंडोनेशिया एशिया की दो सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं. उभरती अर्थव्यवस्थाओं में दोनों जी-20 देशों में रेटिंग वाली कंपनियों की संख्या और रेटिंग वाले कर्ज की मात्रा सबसे अधिक है.
मूडीज ने कहा कि अगले दो साल में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट छह फीसदी से अधिक रहने का अनुमान है. भारत की आर्थिक बढ़ोतरी को गति देने में घरेलू मांग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
मूडीज रेटिंग्स को उम्मीद है कि अगले एक-दो साल में रेटिंग वाली भारतीय कंपनियों की कमाई पांच फीसदी बढ़ेगी. मेटल, खनन और इस्पात, दूरसंचार तथा वाहन कंपनियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक वृद्धि से कंपनियों को लाभ होगा.