मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया के लिए हब बन रहा इंडिया, मोदी के मेक इन इंडिया मिशन ने बदली तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी विजन के चलते भारत तेजी से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है. 2014 में पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में शानदार ग्रोथ दर्ज की है. साथ ही विदेशी कंपनियों का इंडिया के अंदर अपने प्लांट लगाने पर भी मजबूर होना पड़ा है. इससे रोजगार में भी बढ़ावा देखने को मिला है.
दुनिया के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा देश
भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग वाला देश बन गया है. एक समय था जब 80% मोबाइल फोन आयात किए जाते थे. आज लगभग 99% फोन भारत में ही बनाए जा रहे हैं. यूके, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, इटली, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों जैसी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मेड-इन-इंडिया मोबाइल का उपयोग कर रही हैं. मेक इन इंडिया ने भारत की अर्थव्यवस्था को सभी के लिए खोल दिया है. डिफेंस प्रोडक्शन, स्पेस, ईवी, सेमीकंडक्टर, मैन्युफैक्चरिंग और रेलवे बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर एफडीआई आया है.
आंकड़ों में समझिए भारत का पावर

कृषि उत्पादन के लिए मशहूर बिहार का हाजीपुर रूसी सेना के लिए सुरक्षा जूते बनाकर मेक इन इंडिया की अपनी कहानी लिख रहा है. 300 कर्मचारियों के साथ, जिनमें से 70% महिलाएं हैं, इस कारखाने ने पिछले साल 100 करोड़ रुपए के 1.5 मिलियन जोड़ी जूते निर्यात किए.
दुनिया की साइकिल राजधानी कहे जाने वाले ब्रिटेन, जर्मनी और नीदरलैंड में भारत में बनी साइकिलों की मांग में उछाल आया है. विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में बनी साइकिलों की गुणवत्ता चीन में बनी साइकिलों से कहीं बेहतर है, जिससे यह इन देशों में पहली पसंद बन गई है.
अमूल दूध अमेरिका में भी आ गया है, जहां भारत में मिलने वाले उत्पादों की रेंज भी वैसी ही है. पनीर, दही, फ्लेवर्ड मिल्क, आइसक्रीम, चॉकलेट और अन्य सहित अमूल उत्पादों को एशिया, खाड़ी और अफ्रीका के 50 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है.
भारत में निर्मित कश्मीर विलो बैट की 2023 वनडे विश्व कप के करीब आने पर भारी मांग थी. इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से निर्यात के ऑर्डर आए. खेल में 17 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों द्वारा बल्ले का उपयोग करने के बाद ये बल्ले दुनिया के लिए पसंदीदा बन गए. जम्मू-कश्मीर सरकार स्थानीय अर्थव्यवस्था को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कश्मीर विलो बैट को जीआई टैग दिलाने पर भी काम कर रही है.
मेड-इन-इंडिया यूपीआई वैश्विक स्तर पर पसंदीदा बन रहा है. फ्रांस, श्रीलंका, मॉरीशस, भूटान, यूएई, सिंगापुर और नेपाल जैसी विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं इसे अपना रही हैं. इतना ही नहीं, भारतीय उत्पादों ने अमेज़न के ब्लैक फ्राइडे और साइबर मंडे की बिक्री पर अपना दबदबा बनाया, जो मेड इन इंडिया उत्पादों की उभरती अंतरराष्ट्रीय मांग और वैश्विक ई-कॉमर्स बाजारों में भारत की बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है.

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