मोदी सरकार के इस आदेश की फैन हुई IMF की गीता गोपीनाथ, बताया विकसित भारत का प्लान

ग्रोथ की पटरी पर भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसका जिक्र पीएम मोदी कई बार अपने भाषण में कर चुके हैं. पीएम का सपना भारत को आर्थिक हब बनाने का है. वह चाहते हैं कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बन जाए. अब इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ का बयान आया है.
उन्होंने कहा है कि भारत को आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने और देश में पर्याप्त रोजगार सुनिश्चित करने के लिए और अधिक सुधार करने की आवश्यकता होगी. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोपीनाथ ने कहा कि यदि भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनना चाहता है तो उसे आयात शुल्क कम करना होगा. उन्होंने कहा कि संरचनात्मक सुधारों के संदर्भ में सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं.
क्या कहती हैं गोपीनाथ?
गोपीनाथ ने कहा कि विश्व ऐसे माहौल में है जहां व्यापार को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और भारत के लिए वैश्विक व्यापार के लिए खुला रहना महत्वपूर्ण है. प्रमुख अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत में शुल्क दरें अन्य देशों की तुलना में अधिक हैं. यदि वह विश्व मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी और ग्लोबल सप्लाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनना चाहता है, तो उसे उन शुल्क को कम करना होगा.
ऐसे पूरा होगा विकसित भारत का सपना
गोपीनाथ ने कहा कि विकसित देश का दर्जा प्राप्त करना एक बड़ी आकांक्षा है, लेकिन यह अपने आप नहीं हो जाता. इसके लिए कई क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर निरंतर, सुसंगत प्रयास की आवश्यकता होती है. भारत की समग्र वृद्धि दर अच्छी रही है और सात प्रतिशत की दर से यह विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है.
वह आगे कहती हैं कि प्रश्न यह है कि इस गति को कैसे बनाए रखा जाए तथा इसे और कैसे बढ़ाया जाए, ताकि भारत में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो सके तथा यह एक उन्नत अर्थव्यवस्था बन सके. टैक्स सिस्टम पर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति अन्य विकासशील देशों से मिलती-जुलती है, जहां एकत्रित होने वाला अधिकांश टैक्स रेवेन्यू इनडायरेक्ट टैक्स से होता है, न कि डायरेक्ट टैक्स से. यह इनकम टैक्स से भी उतना अधिक नहीं होता.
मोदी सरकार के इस आदेश की हुई फैन
उन्होंने कहा कि हम अन्य विकासशील देशों को भी सलाह दे रहे हैं कि व्यक्तिगत इनकम टैक्स आधार को व्यापक बनाना लाभदायक होगा, ताकि वहां से अधिक आय प्राप्त हो सके. मोदी सरकार द्वारा कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती का उल्लेख करते हुए गोपीनाथ ने कहा कि कुछ हद तक यह सहायक था, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि खामियां न हों और टैक्स छूट के मामले में बहुत अधिक लीकेज न हो.

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