मोदी 3.0 का पहला बजट, 6 बिल किए जाएंगे पेश… जानिए 22 जुलाई से शुरू हो रहे संसद सत्र की खास बातें
संसद का आगामी सत्र 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, जो 12 अगस्त तक चलेगा. लोकसभा चुनाव में संख्या बढ़ने से उत्साहित विपक्षी दल पिछले सत्र की तरह इस बार भी सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश करेंगे. लिहाजा संसद के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार ने 21 जुलाई रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे. विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत सभी दलों के फ्लोर लीडर्स मौजूद रहेंगें.
सरकार की कोशिश है कि जैसे बीते सत्र में नीट समेत अन्य मुद्दों पर हंगामा हुआ था, वैसा इस सत्र में ना हो. वैसे विपक्ष ने भी सरकार को संसद में घेरने को लेकर कमर कस ली है. कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल जहां महंगाई, ट्रेन दुर्घटनाओं, अग्निवीर, जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों में जवानों की शहादत जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.
इन मुद्दों को उठा सकती है समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी समेत अन्य दल कांवड़ यात्रा के रूट में पड़ने वाले दुकानों पर मालिक का नाम लिखने के योगी सरकार के फैसले को सदन में उठा सकते हैं. समाजवादी पार्टी बीजेपी के अंदर उत्तर प्रदेश में चल रहे घमासान का जिक्र भी सदन में कर सकती है. विपक्षी दल इस बार भी संविधान की रक्षा और आरक्षण के मुद्दे के सहारे बीजेपी सरकार से दो-दो हाथ कर सकते हैं.
इसी सत्र में मोदी सरकार-3.0 का पहला बजट मंगलवार को पेश किया जाएगा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. सत्र में बजट पर चर्चा होगी. डिमांड फॉर ग्रांट्स पर चर्चा और मतदान होगा. इसके साथ ही एप्रोप्रिएशन बिल पारित होगा. जम्मू-कश्मीर के बजट पर भी इसी सत्र में चर्चा होगी और पास किया जाएगा.
ये 6 बिल पेश करेगी केंद्र सरकार
इसके अलावा सरकार ने इस सत्र के दौरान पेश किए जाने और पारित किए जाने के लिए 6 बिल सूचीबद्ध किए हैं. सूचीबद्ध विधेयकों में वित्त विधेयक के अलावा फाइनेंस बिल, डिजास्टर मैनेजमेंट बिल, बॉयलर्स बिल, भारतीय वायुयान विधेयक, कॉफी प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल और रबर प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल शामिल है. लोक सभा स्पीकर ने सत्र के पहले कार्य मंत्रणा समिति (Business Advisory Committee) का गठन भी कर दिया है.
इसके अधयक्ष लोकसभा स्पीकर ओम बिरला हैं. ये समिति लोकसभा के कामकाज, बहस का समय आदि तय करती है. इस समिति में अलग-अलग दलों के 14 सांसदों को शामिल किया गया है. समिति मे्ं बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे, अनुराग सिंह ठाकुर, भर्तृहरि महताब, पी. पी. चौधरी, बिजयंत पांडा, डॉ संजय जायसवाल को रखा गया है. कांग्रेस की ओर से के. सुरेश, गौरव गोगोई, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, डीएमके से दयानिधि मारन, शिवसेना यूबीटी से अरविंद सावंत को भी जगह दी गई है.
सरकार के खिलाफ कांग्रेस का एक्शन प्लान
सरकार ने अपनी तरफ से संसद में अपना कामकाज सुचारू रूप से निपटाने की तैयारी तो कर ली है पर तैयार विपक्ष भी है. कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में सरकार के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार किया है. इसके केंद्र में नौजवान, किसान-मजदूर, जवान और गरीब हैं. नौजवान, बेरोजगारी, नीट पेपर लीक का मुद्दा तो विपक्ष उठाएगा ही. साथ ही अग्निवीर योजना को बंद करने और जम्मू-कश्मीर में हाल में बढ़े आतंकी हमलों और जवानों की शहादत पर सरकार को घेरेगा.
जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव भी होने हैं. ऐसे में कांग्रेस केंद्र सरकार की जम्मू-कश्मीर की नीतियों को लेकर खासतौर पर हमलावर रहेगी. इसमें जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर चुनाव कराने की बजाय एलजी की शक्तियों को बढ़ाये जाने पर सरकार से सवाल पूछे जाएंगे. मणिपुर, त्रिपुरा की हिंसा और चीनी अतिक्रमण के मामले को उठाकर सरकार को राष्ट्रवाद के मसले पर बैकफुट पर भी लाने की कोशिश करेगी.
कुल मिलाकर विपक्ष ने ऐसे तमाम मुद्दों के जरिए अलग-अलग वर्गों को साधते हुए सरकार से दो-दो हाथ करने की तैयारी की है, तो सरकार भी आंकड़ों के साथ पलटवार करने की पूरी तैयारी में है. ऐसे में पिछले सत्र की तरह ही इस सत्र में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के आक्रामक तेवर बरकरार रहने के पूरे आसार हैं.